गृहमंत्री शाह ने कहा- आदिवासी इलाकों का विकास भाजपा की प्राथमिकता

गृहमंत्री शाह ने कहा- आदिवासी इलाकों का विकास भाजपा की प्राथमिकता

शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और सीपीएम ने राज्य में कई वर्षों तक शासन किया। उनकी सरकार ने महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य के योगदान को कम करने की कोशिश की लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराजा बीर बिक्रम को उचित सम्मान दिया।

गृहमंत्री अमित शाह पूर्वी राज्यों के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने त्रिपुरा में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। त्रिपुरा के कुमारघाट में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के आदिवासी इलाकों का विकास भाजपा की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि टिपरामोथा के साथ हुए हस्ताक्षरित ऐतिहासिक समझौते में राज्य के आदिवासी समुदाय के सभी मुद्दों का ध्यान रखा गया है। बता दें, थोड़ी ही देर में गृहमंत्री मणिपुर भी जाएंगे। वहां, भी एक रैली को संबोधित करेंगे।

शाह बोले- कांग्रेस-वाम सरकार पर निशाना साधा
रैली में गृहमंत्री शाह ने सीपीएम पर निशाना साधा। सीपीएम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाते हुए गृहमंत्री ने कहा कि समझौते में समुदायों के बीच सद्भाव और राज्य के विकास के उपाय भी सुनिश्चित किए गए हैं। शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और सीपीएम ने राज्य में कई वर्षों तक शासन किया। उनकी सरकार ने महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य के योगदान को कम करने की कोशिश की लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराजा बीर बिक्रम को उचित सम्मान दिया। उन्होंने अगरतल्ला हवाईअड्डा को महाराज के नाम पर रखा और उन्हें सम्मान देते हुए पीएम मोदी ने प्रतिमा का भी निर्माण कराया।

प्रधानमंत्री ने आदिवासी समुदाय का सम्मान: शाह
रैली में शाह ने दावा किया कि कांग्रेस और वामपंथियों ने राज्य के आदिवासियों को कभी भी सरकार में उच्च पद में रहने की अनुमति नहीं दी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने पहली बार भारत को आदिवासी राष्ट्रपति देकर समुदाय का सम्मान किया। 2014 से पहले जनजातीय मामलों के मंत्रालय का बजट 24,000 करोड़ रुपये था। वहीं, पीएम मोदी के शासन में बजट को बढ़ाकर 1,25,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। शाह ने आरोप लगाया कि वामपंथियों ने युवाओं को बंदूकें दीं हैं। वहीं, पीएम मोदी ने युवाओं को लैपटॉप दिए हैं। पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर में 10 से अधिक समझौते किए, जिससे 10 हजार युवा मुख्यधारा में वापस लौट पाए।

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