हाईकोर्ट ने कहा- इंटरनेट व सोशल मीडिया पर महिलाओं के प्रति साइबर अपराध रोकना जरूरी

हाईकोर्ट ने कहा- इंटरनेट व सोशल मीडिया पर महिलाओं के प्रति साइबर अपराध रोकना जरूरी

महिलाओं के प्रति सोशल मीडिया पर बढ़ रहे साइबर अपराध का मामला मोहाली निवासी निखिल सर्राफ ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष उठाया। याचिका में मांग की गई है कि इन अपराधों पर लगाम लगाने और तंत्र विकसित करने की जरूरत है।

सोशल मीडिया पर महिलाओं की आपत्तिजनक फोटो, वीडियो व अन्य सामग्री को डालने से जुड़े साइबर अपराधों को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बेहद गंभीर विषय बताते हुए कहा कि इसे रोकना बेहद जरूरी है। हाईकोर्ट ने कहा कि याची ने बेहद अहम विषय अदालत के सामने रखा है और ऐसे में याची उन सुझावों के साथ सामने आए जिनके माध्यम से इस समस्या का हल निकाला जा सके।

मंगलवार को याचिका दाखिल करते हुए मोहाली निवासी निखिल सर्राफ ने हाईकोर्ट को बताया कि तकनीक और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ ही लगातार सोशल मीडिया व इंटरनेट पर महिलाओं के प्रति साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है। इन पर लगाम लगाने के लिए तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है, जिसके लिए राज्य सरकार को निर्देश जारी करना आवश्यक है।

याची ने कहा कि महिलाओं के प्रति साइबर अपराधों के मामलों का निपटारा करने के लिए साइबर क्राइम सेल में विशेषज्ञों की नियुक्ति की जानी चाहिए। इसके साथ ही जितनी तेजी से आपत्तिजनक सामग्री वायरल होती है उतनी ही तेजी से उसे हटाने के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए। साइबर क्राइम की शिकायत लेकर जाने वाली महिला या लड़की के पास यह विकल्प होना चाहिए कि वह अपनी शिकायत पुरुष जांच अधिकारी को सौंपना चाहती है या महिला।

इसके साथ ही ऐसे मामलों में शिकायत के बाद सौंपी गई सामग्री के पुलिस अधिकारियों के पास से लीक होने की स्थिति में जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। सोशल मीडिया से ऐसे सामग्री को तुरंत हटाने के लिए तंत्र विकसित किया जाना चाहिए ताकि सोशल मीडिया पर महिलाओं का आत्मसम्मान बरकरार रखा जा सके।

E-Magazine