जबलपुर : फ्लाईओवर निर्माण में देरी पर कांग्रेस विधायक की याचिका पर सुनवाई, कोर्ट ने केंद्र सरकार को भेजा नोटिस

जबलपुर, 16 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के जबलपुर में वर्षों से लंबित अंबेडकर चौक से अब्दुल हमीद चौक तक प्रस्तावित फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर शुक्रवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कांग्रेस विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया की जनहित याचिका पर जारी हुआ है।
कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा कि जबलपुर में लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए इस फ्लाईओवर की सख्त जरूरत है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में यह फ्लाईओवर 3.2 किलोमीटर का प्रस्तावित था, जिसे बाद में बढ़ाकर 5.1 किलोमीटर कर दिया गया, लेकिन फंड की कमी के कारण अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
फ्लाईओवर के लिए 2020 में किए गए सर्वेक्षण में इसकी लागत लगभग 186 करोड़ रुपये आंकी गई थी, जबकि 2022 में संशोधित प्रस्ताव में यह राशि 269 करोड़ रुपये हो गई। निर्माण में हो रही इस देरी को लेकर लखन घनघोरिया कई बार सड़कों पर उतर चुके हैं और ‘संकल्प पदयात्रा’ के माध्यम से भी सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया था।
राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि याचिका राजनीति से प्रेरित है, क्योंकि याचिकाकर्ता स्वयं कांग्रेस विधायक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जबलपुर से ही पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह हैं और शहर में कई फ्लाईओवर पहले ही बन चुके हैं। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि याचिका के विषय की गंभीरता को देखते हुए इसका जवाब देना आवश्यक है।
मामले की सुनवाई जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच में हुई। कोर्ट को बताया गया कि फ्लाईओवर के लिए बजट प्रस्ताव दिसंबर 2024 में ही केंद्र को भेजा जा चुका है। जब कोर्ट ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या राज्य के पास खुद के फंड हैं या केंद्र से फंड की आवश्यकता है, तो सरकारी अधिवक्ता ने स्वीकार किया कि फंड केंद्र से ही अपेक्षित है।
इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी किया और पूछा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर अब तक क्या निर्णय लिया गया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 6 जून के बाद वाले सप्ताह में तय करने के निर्देश दिए हैं।
कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने कहा, “यह फ्लाईओवर जबलपुर की जीवनरेखा साबित होगी। लोग रोज ट्रैफिक में फंसे रहते हैं। मैंने इस मुद्दे को बार-बार सदन से लेकर सड़कों तक उठाया, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो न्यायालय की शरण ली। मुझे उम्मीद है कि हाईकोर्ट के इस हस्तक्षेप से अब लोगों को राहत मिलेगी।”
–आईएएनएस
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