हरियाणा ने बिहार, महाराष्ट्र, दिल्ली को पछाड़कर कुश्ती में शीर्ष स्थान हासिल किया

पटना, 16 मई (आईएएनएस)। हरियाणा ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स (केआईवाईजी) 2025 बिहार में कुश्ती के मैदान पर अपना दबदबा कायम करते हुए लड़कों और लड़कियों की श्रेणियों में 21 पदक – आठ स्वर्ण, पांच रजत और आठ कांस्य – जीतकर शीर्ष स्थान हासिल किया। महाराष्ट्र चार स्वर्ण सहित 17 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि दिल्ली के लड़के और राजस्थान की लड़कियां अपने-अपने वर्गों में शीर्ष तीन में रहीं।
महाराष्ट्र ने अंतिम दिन जोरदार प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण पदक सहित सात पदक जीते। आयुष्का पांडुरंग ने लड़कियों के 57 किग्रा वर्ग का खिताब जीता, उसके बाद सुजय नागनाथ तनपुरे ने लड़कों के 71 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में जीत हासिल की। दिल्ली और राजस्थान ने भी दो-दो स्वर्ण पदक जीते।
दिल्ली की अक्षरा ने कर्नाटक की काव्या तुकाराम दानवेनावर को हराकर अंडर-17 लड़कियों के 53 किग्रा वर्ग का फाइनल जीता, जबकि प्रांजल दहिया ने महाराष्ट्र के रुशिकेश एकनाथ नाइक को हराकर लड़कों के 60 किग्रा ग्रीको-रोमन का खिताब जीता। राजस्थान की अश्विनी विश्नोई अंडर-17 लड़कियों के 65 किग्रा वर्ग में चैंपियन बनीं, जबकि दक्ष शर्मा ने लड़कों के 60 किग्रा फ्रीस्टाइल फाइनल में दिल्ली की इशु को हराया।
हरियाणा की लड़कियों की टीम के कोच के रूप में अपने पहले प्रदर्शन में, विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों की रजत विजेता पूजा ढांडा ने अपनी सभी सात लड़कियों को दो स्वर्ण सहित पदक दिलाए।
पूजा ने कहा, “एक कोच के रूप में यह मेरा पहला बड़ा टूर्नामेंट है और यह अनुभव वाकई बहुत बढ़िया रहा। पहलवानों ने उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन किया।हम वापस जाएंगे और अपनी कमियों पर काम करेंगे ताकि और मजबूती से वापसी कर सकें।”
पूजा ने युवा एथलीटों के लिए एक परिवर्तनकारी मंच के रूप में खेलो इंडिया यूथ गेम्स की प्रशंसा की। खेल में अपने शुरुआती वर्षों से तुलना करते हुए, उन्होंने आज के पहलवानों के लिए उपलब्ध बेहतर बुनियादी ढांचे और अनुभव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “उस समय, हमारे पास ऐसी सुविधाएं नहीं थीं। इन बच्चों को अब जो अनुभव मिलता है, वह वैसा ही है जैसा हमें विदेश जाने के बाद मिला।”
–आईएएनएस
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