हरीश बालयोगी ने ऑल पार्टी डेलिगेशन की यूएन यात्रा को सफल बताया, समर्थन की बात कही


नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। भारत की ऑल पार्टी डेलिगेशन आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरने के लिए विदेश गई थी। वहां प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करने और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई कार्रवाई के बारे में बताया। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व वाले डेलिगेशन के सदस्य टीडीपी सांसद हरीश बालयोगी ने यूएन यात्रा को सफल बताया।

टीडीपी सांसद हरीश बालयोगी ने कहा, “जब हम संयुक्त राष्ट्र गए थे, तो वहां के लोगों के साथ बातचीत काफी दिलचस्प रही, क्योंकि हमारे पास एक अलग दृष्टिकोण था, वे सवाल पूछने में सक्षम थे और वे समझ पाए कि हमें यह ऑपरेशन क्यों करना पड़ा। जब हम भारतीयों से मिले तो उन्होंने भी कहा कि हम आपके साथ हैं। हम समझ गए हैं कि प्रधानमंत्री को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ क्यों करना पड़ा, पहलगाम में क्या हुआ, हमने जवाबी कार्रवाई क्यों की, क्योंकि 26 लोगों को महिलाओं और बच्चों के सामने गोली मार दी गई थी।”

उन्होंने कहा, “यह कुछ ऐसा था जिसे लोगों ने वास्तव में देखा, यहां तक कि प्रवासी लोगों ने भी हमें यह सब दिखाया, लेकिन साथ ही हमने कांग्रेस के प्रतिनिधि और सीनेट से मुलाकात की और हमने उन सभी को परिदृश्य समझाया तो वे भी हमारे साथ खड़े रहे और कहा कि आपको जवाब देने का अधिकार है।”

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छी यात्रा थी। हम सभी इस बात से बहुत खुश थे कि जिन पांच देशों में हम गए थे, वहां हमारा स्वागत किस तरह से हुआ। हमें लगा कि हर जगह हमारे नतीजे अच्छे रहे, हाई क्वालिटी मीटिंग्स हुई। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, हर जगह बहुत वरिष्ठ वार्ताकार मिले। साथ ही, हमारी स्थिति के लिए पूरी समझ और समर्थन था कि हमारी प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए। वास्तव में, हमने जिन लोगों से बात की, उनमें से कई ने हमारी प्रतिक्रिया में दिखाए गए संयम के लिए सम्मान व्यक्त किया। मैं कहूंगा कि हम इस स्थिति से बहुत अच्छी तरह से बाहर आए हैं।”

“जहां तक सरकार का सवाल है, मुझे लगता है कि सांसदों को भेजने का उद्देश्य राजनीतिक सीमाओं के पार भारत की एकता को प्रदर्शित करना और साथ ही सरकारी अधिकारियों, विधायकों, थिंक टैंक, मीडिया और जहां उचित हो, प्रवासी समुदाय को एक प्रभावी संदेश देना था। यह सब बहुत अच्छी तरह से पूरा हुआ। इसलिए मैं यही कहूंगा कि, भगवान का शुक्र है कि हमसे जो करने को कहा गया था, हमने वह किया है और हम काफी थके हुए और काफी खुश होकर घर लौट रहे हैं।”

–आईएएनएस

एससीएच/एबीएम


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