भोपाल का जनजातीय संग्रहालय डिजाइन करने वाले हरचंदन सिंह भट्टी को पद्म श्री सम्मान, बोले 'मेरे लिए गर्व की बात'

भोपाल का जनजातीय संग्रहालय डिजाइन करने वाले हरचंदन सिंह भट्टी को पद्म श्री सम्मान, बोले 'मेरे लिए गर्व की बात'

भोपाल, 26 जनवरी (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश से पांच महान हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है, जिनमें से एक नाम भोपाल के आर्ट डिजाइनर और भारत भवन के रूपांकर विभाग के निदेशक हरचंदन सिंह भट्टी का है। उन्हें कला के क्षेत्र में इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना गया है।

हरचंदन सिंह भट्टी ने लंबे समय से विभिन्न प्रकार की डिजाइन तैयार की हैं और भारत भवन के अलावा जनजातीय संग्रहालय के आदिवासी परिवेश को भी डिजाइन किया है। भट्टी ने बताया कि वे 1981 से भारत भवन में कार्यरत हैं और इस दौरान भारत भवन के प्रबंधन और अधिकारियों से उन्हें काफी सहयोग मिला, जिसके कारण उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ।

उन्होंने कहा, “मैं बचपन से चित्रकार बनना चाहता था, लेकिन चित्रकार नहीं बन पाया। फिर भी मैं डिजाइनर बन गया।”

2013 में मध्यप्रदेश सरकार ने उनके नाम की अनुशंसा की थी, जिसके लिए उन्होंने राज्य सरकार का धन्यवाद किया।

इसके बाद केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मश्री के लिए चुना और इस बारे में उन्हें हाल ही में सूचना दी गई। भट्टी जी को यह सम्मान मार्च महीने में आयोजित होने वाली पुरस्कार वितरण समारोह में मिलेगा।

इस अवसर पर उनकी पत्नी ने भी खुशी जताते हुए कहा कि यह पूरे परिवार के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि हरचंदन सिंह भट्टी हमेशा अपने काम के प्रति प्रतिबद्ध रहे और दूसरों की मदद करने में हमेशा आगे रहते थे।

पद्म श्री के लिए चयनित हरिचंदन सिंह भट्टी ने इस संबंध में आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने कहा, “सर्वप्रथम मैं सरकार का धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित किया। मुझे यह सम्मान मिलने का अवसर मेरे कार्य क्षेत्र में सरकारी सहयोग और मार्गदर्शन की वजह से मिला। मुझे यह पुरस्कार मिल रहा है, इसके पीछे मेरे कई साथियों, सहयोगियों, और शिक्षा देने वाले शिक्षकों का आशीर्वाद है।

उन्होंने कहा कि मेरा जन्म देहरादून में हुआ और मैं पंजाब का निवासी हूं। मैंने इंदौर स्कूल ऑफ आर्ट से कला की शिक्षा ली। इसके बाद, मेरी स्कूली शिक्षा गाजियाबाद और दिल्ली के पास हुई और फिर मैंने इंदौर में फाइन आर्ट्स कॉलेज में पढ़ाई की। इंदौर में मुझे कला के महान कलाकारों से सीखने का अवसर मिला। इसके बाद, मैंने बहुत सी कला गतिविधियों में भाग लिया और मुझे डिजाइनर के रूप में काम करने का मौका मिला। इसके साथ ही, मैंने आदिवासी संग्रहालय और कलाकारों के साथ भी काम किया।

उन्होंने आगे कहा कि भारत भवन से मेरा जुड़ाव 1981 में हुआ था, लेकिन मेरी सेवाएं 1984 से शुरू हुईं। मैं भोपाल में ही कार्यरत हूं और मुझे हमेशा सरकारी अधिकारियों और अन्य सहयोगियों का आशीर्वाद मिलता रहा। जब मेरी पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामांकन हुआ, तब मुझे सरकार से एक फोन कॉल आया, जिसमें बताया गया कि मुझे मार्च या अप्रैल में यह सम्मान मिलेगा। हालांकि, अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है। अब व्यक्तिगत सवाल के जवाब में, मैं पिछले 15-20 वर्षों से भार्गव जी के मकान में रह रहा हूं। उनका भी मेरे जीवन में बहुत योगदान है। इस दौरान, मुझे कई प्रसिद्ध व्यक्तियों का साथ मिला और मैं उनका आभारी हूं।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के लिए एक संदेश देना चाहूंगा। हमारे देश की संस्कृति बेहद समृद्ध है और यह दुनिया भर के कलाकारों को प्रोत्साहित करती है। भारत सरकार का योगदान हमेशा हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है और मुझे गर्व है कि मैं इस सिस्टम का हिस्सा हूं।

हरि चंदन सिंह भट्टी की पत्नी ने भी खुशी जताई। उन्होंने कहा कि हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। उनका नाम मध्य प्रदेश में पहले से ही सम्मानित है। वे बहुत से लोगों की मदद करते हैं, कई लोगों को नौकरी दिलवाते हैं और कई म्यूजियम्स के लिए काम करते हैं। उनके काम और सहयोग की वजह से बहुत से लोग आज भी उनका सम्मान करते हैं। लोगों की दुआएं और उनके लिए किया गया काम ही उनकी सफलता का कारण हैं। उनका स्वास्थ्य पहले की तुलना में बेहतर है और वे अभी भी काम कर रहे हैं, जो बहुत अच्छी बात है। वे अपने काम से बहुत प्यार करते हैं और काम करने में पूरी तरह से समर्पित रहते हैं। उन्हें यह नहीं लगता कि वे किसी चीज की उम्मीद करें, बल्कि जो काम मिलते हैं, उन्हें बिना किसी अपेक्षा के पूरी निष्ठा से करते हैं। घर में वे कम बोलते हैं और पूरी तरह से अपने काम में व्यस्त रहते हैं।

–आईएएनएस

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