जीएसटी सुधारों से वाहनों की कीमतों में 8.5 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है: रिपोर्ट

नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) स्ट्रक्चर में तीन स्लैब 5 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 40 प्रतिशत का बदलाव का फैसला ऑटोमोबाइल उद्योग और ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा। गुरुवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, इस उद्योग के सभी सेगमेंट में कीमतें 8.5 प्रतिशत तक कम हो जाएंगी।
क्रिसिल इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, “इंटरनल कम्बशन इंजन (आईसीई) और हाइब्रिड वाहनों के मामले में, 1,200 सीसी से कम पेट्रोल या 1,500 सीसी से कम डीजल इंजन वाले एंट्री-लेवल हैचबैक, प्रीमियम हैचबैक, कॉम्पैक्ट सेडान और सब-कॉम्पैक्ट स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) की कीमतों में लगभग 8.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी।”
इस बीच, 1,500 सीसी से कम क्षमता वाली बड़ी सेडान, कॉम्पैक्ट एसयूवी, मिड-एसयूवी और बहुउद्देश्यीय वाहनों (एमपीवी) की कीमतों में लगभग 3.5 प्रतिशत की कमी आएगी।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि 1,500 सीसी से अधिक इंजन वाली प्रीमियम एसयूवी और एमपीवी की कीमतों में लगभग 6.7 प्रतिशत की गिरावट आएगी।
आईसीई दोपहिया वाहनों के मामले में, एक को छोड़कर लगभग सभी श्रेणियों की कीमतों में लगभग 7.8 प्रतिशत की कमी आएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, “350 सीसी से अधिक इंजन वाले प्रीमियम दोपहिया वाहनों की कीमतों में लगभग 6.9 प्रतिशत की वृद्धि होगी।”
आईसीई ट्रैक्टरों और हाइड्रोजन वाहनों सहित ईंधन सेल मोटर वाहनों के मामले में, कीमतों में लगभग 6.3 प्रतिशत की गिरावट आएगी।
रिपोर्ट के अनुसार, “इस बीच, तिपहिया वाहनों, एलसीवी, एमएचसीवी और बसों की कीमतों में लगभग 7.8 प्रतिशत की कमी आएगी।”
विभिन्न क्षेत्रों के उपरोक्त विश्लेषण में ऑटोमोटिव कंपोनेंट निर्माताओं से मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) तक जीएसटी कटौती के रूप में होने वाले किसी भी प्रभाव पर विचार नहीं किया गया है, क्योंकि सभी ऑटोमोटिव कंपोनेंट को 18 प्रतिशत के दायरे में लाया गया है।
घरेलू बिक्री के दृष्टिकोण से, वित्त वर्ष 2026 में, पीवी में मामूली वृद्धि (कम एकल-अंकीय वृद्धि) देखी जा सकती है, जबकि दोपहिया वाहनों में उच्च एकल-अंकीय वृद्धि देखी जा सकती है।
ट्रैक्टरों में 4-7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ निरंतर खिंचाव देखने को मिलेगा, जबकि सीवी में सपाट से लेकर थोड़ी सकारात्मक वृद्धि देखने को मिल सकती है।
ऑटोमोबाइल उद्योग में, इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5 प्रतिशत कर लगता रहेगा, जबकि अन्य क्षेत्रों में कर की दर में संशोधन कर इसे 18 प्रतिशत या 40 प्रतिशत कर दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑटोमोटिव आफ्टरमार्केट सेगमेंट को भी लाभ होगा क्योंकि सभी कंपोनेंट अब 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आ जाएंगे, जिससे 28 प्रतिशत कर वाले कंपोनेंट की कीमतों में लगभग 7.8 प्रतिशत की कमी आएगी।
इस बीच, किआ डीलर, एसएएस किआ के जनरल मैनेजर राघवेंद्र सिंह ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा कि जीएसटी के नए रेट्स 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे, जो कि नवरात्रि का भी पहला दिन है। ग्राहक इस समय का खरीदारी के लिए इंतजार करते हैं। फेस्टिव सीजन में जीएसटी कटौती की यह खबर सोने पर सुहागा है क्योंकि कीमतें कम होंगी तो इस फैसले का सीधा प्रभाव गाड़ियों की बिक्री बढ़ने के रूप में दिखेगा।
रेनॉल्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक वेंकटराम मामिलपल्ले ने कहा कि यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक सुधार है। ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए, यह कदम परिवर्तनकारी है। एंट्री लेवल कार सेगमेंट (1200 सीसी से कम पेट्रोल और 1500 सीसी से कम डीजल) पर जीएसटी में 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत की कटौती और ऑटो कंपोनेंट्स के लिए 18 प्रतिशत की एक समान दर, व्यक्तिगत गतिशीलता को आम जनता के लिए काफी अधिक किफायती बनाती है।
–आईएएनएस
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