जीएसटी सुधार देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे : पीयूष गोयल


नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार जल्द ही उच्च वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) स्लैब के तहत पहले से स्टॉक किए गए सामानों को संभालने के लिए एक ट्रांजिशनल अरेंजमेंट को अधिसूचित करेगी।

नए दो स्लैब वाले टैक्स स्लैब के लिए समय सीमा 22 सितंबर तय की गई है और डीलर इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि पुराने और उच्च जीएसटी स्लैब के तहत स्टॉक किए गए माल के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को कैसे प्रबंधित किया जाए।

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दरों में कटौती का पूरा लाभ उद्योग द्वारा उपभोक्ताओं को दिया जाए।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी कटौती का फैसला पीएम मोदी के नेतृत्व में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है, जिसका फायदा देश की 140 करोड़ जनता को मिलेगा।

उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधार को एक सबसे बड़े परिवर्तनकारी फैसले के रूप में देखा जाना चाहिए, जो कि आने वाले दिनों में देश की अर्थव्यवस्थो को नई ऊंचाईयों पर ले जाएगा।

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “देश के युवक-युवतियों, महिलाओं, किसानों, एमएसएमई, हर वर्ग के उपभोक्ता, दुकानदार और उद्यमी हर किसी को एक बहुत बड़ा तोहफा 22 सितंबर नवरात्रि के पहले दिन मिलने जा रहा है।”

जीएसटी रेट कट को लेकर केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी हर वस्तु के दाम कम किए गए हैं और प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। मैन-मेड टेक्सटाइल की पूरी चेन को 5 प्रतिशत जीएसटी रेट में लाया गया है।

उन्होंने इस फैसले को पीएम मोदी के सकारात्मक कदम के रूप में देखे जाने की बात कही।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “यह देश की अर्थव्यवस्था को बल देने वाला एक महत्वपूर्ण फैसला है। साथ ही, देश की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने में अहम है। दवाईयों पर टैक्स कम होगा। लाइफ-सेविंग ड्रग्स पर तो जीएसटी शून्य कर दिया गया है। मेडिकल डिवाइस के अलावा, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस सस्ती हो जाएगी।”

उन्होंने आगे कहा कि साबुन, टूथपेस्ट, खाने-पीने की चीजें, साइकल, बाइक, फर्नीचर, कपड़े, जूते, टीवी, फ्रिज, एसी सब पर जीएसटी कम किया गया है।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने जीएसटी 2.0 को साइकल ऑफ ग्रोथ बताते हुए कहा, “एक प्रकार से यह देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास है। इससे मांग बढ़ेगी। मांग बढ़ेगी तो भारत में निवेश बढ़ेगा। निवेश से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उद्यमियों और व्यापारियों की आमदनी बढ़ेगी। आमदनी बढ़ेगी तो फिर से मांग बढ़ेगी। यानी इसे एक साइकल ऑफ ग्रोथ के रूप में देखा जा सकता है। इसका गुणक प्रभाव एक बड़े स्तर पर देखने को मिलेगा।”

–आईएएनएस

एसकेटी/


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