5 वर्षों में 15,206 मेगावाट से अधिक क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए गए


नई दिल्ली, 29 जुलाई (आईएएनएस) । पिछले पांच वर्षों के दौरान सभी क्षेत्रों आवासीय, सरकारी, वाणिज्यिक और औद्योगिक, संस्थागत, सामाजिक और निजी प्रतिष्ठानों में कुल 15,206.68 मेगावाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए गए हैं। यह जानकारी मंगलवार को संसद में दी गई।

विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि सरकारी भवनों में रूफटॉप सोलर की स्थापना प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के घटकों में से एक है।

आईआईटी बॉम्बे स्थित राष्ट्रीय फोटोवोल्टिक अनुसंधान एवं शिक्षा केंद्र (एनसीपीआरई) ने देश में सौर मॉड्यूल के प्रदर्शन पर एक स्टडी की।

राज्य मंत्री ने बताया कि इसके अलावा, मंत्रालय ने ‘मॉडल और निर्माताओं की रिवाइज्ड लिस्ट’ (आरएलएमएम) शीर्षक से टाइप और क्वालिटी सर्टिफाइड विंड टर्बाइनों को लिस्ट करने की एक प्रक्रिया शुरू की है।

30 जून तक, देश में 242.78 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित की जा चुकी है।

सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को बढ़ावा देने और गति देने हेतु कई कदम और पहल की हैं।

राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लागू कर रही है, ताकि इन मॉड्यूल में गीगावाट (जीडब्ल्यू) पैमाने की घरेलू विनिर्माण क्षमता हासिल की जा सके, जिस पर 24,000 करोड़ रुपए का व्यय होगा।

राज्य मंत्री नाइक ने कहा कि इस योजना के तहत, 48,337 मेगावाट की पूर्ण/आंशिक रूप से इंटीग्रेटेड सोलर पीवी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के लिए लेटर ऑफ अवॉर्ड (एलओए) जारी किए जा चुके हैं।

इससे पहले उन्होंने सदन को बताया कि 14 जुलाई तक देश में कुल 15.45 लाख परिवार और गुजरात में 5.23 लाख परिवार रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन से लाभान्वित हुए हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्र के परिवार भी शामिल हैं।

फरवरी 2024 में शुरू की गई प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का एक घटक देश के प्रत्येक जिले में आदर्श सौर ग्राम का विकास है।

राज्य मंत्री नाइक ने बताया कि इस घटक के लिए 800 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है, जिसमें प्रत्येक आदर्श ग्राम के लिए एक करोड़ रुपए की केंद्रीय वित्तीय सहायता का प्रावधान है।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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