'सरकार के फैसले सही, देश एकजुट', पहलगाम हमले पर मौलाना रशीद महली

लखनऊ, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद पूरे देश में गुस्से और शोक का माहौल है। ऐसे समय में केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए कड़े कूटनीतिक फैसलों का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और लखनऊ स्थित ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने समर्थन किया है। उन्होंने इसे वक्त की जरूरत बताया है।
उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि पर रोक हो या पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना, या दूतावास से संबंधित निर्णय, ये सभी निर्णय बिल्कुल सही दिशा में उठाए गए हैं और इनकी देश को इस समय सख्त आवश्यकता थी।
मौलाना ने कहा कि पाकिस्तान को अब समझना चाहिए कि उसकी सेना और सरकार की इन आतंकवादी गतिविधियों को दुनिया के किसी भी मंच पर समर्थन नहीं मिलने वाला। उन्होंने पाकिस्तान की आवाम से भी अपील की कि वे अपने हुक्मरानों और सेना के खिलाफ आवाज उठाएं, जो बार-बार ऐसे कायराना और शर्मनाक कदम उठाकर अपने ही मुल्क को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले ही वैश्विक मंचों पर अपनी छवि बिगाड़ चुका है और अब समय आ गया है कि वहां की जनता अपनी सरकार से जवाबदेही मांगे।
उन्होंने यह भी अपील की कि भारत की सभी राजनीतिक पार्टियां इस दुख की घड़ी में एक मंच पर आएं और एकजुट होकर सरकार के साथ खड़ी हों। उन्होंने कहा कि इस तरह के राष्ट्रीय संकट के समय जब सरकार देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए निर्णय ले रही है, तब सभी दलों को मिलकर उन निर्णयों का समर्थन करना चाहिए ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश जाए कि भारत एकजुट है और आतंकवाद के खिलाफ एक साथ खड़ा है।
मौलाना खालिद रशीद ने यह भी कहा कि सभी धर्मगुरु, राजनीतिक दल और नागरिक समाज के लोग इस आतंकी हमले की निंदा कर रहे हैं और उन्होंने यह साफ किया कि किसी भी धर्म में आतंकवाद या हिंसा का समर्थन नहीं किया जाता। उन्होंने खासतौर पर सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे भड़काऊ संदेशों पर चिंता जताई और कहा कि इस तरह की पोस्ट देश की एकता को कमजोर कर सकती हैं। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे इस हमले को किसी धार्मिक चश्मे से न देखें और किसी धर्म विशेष को दोष न दें, क्योंकि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।
मौलाना ने कहा कि इस संकट की घड़ी में हर भारतीय को अपने राजनीतिक और धार्मिक मतभेदों से ऊपर उठकर सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए ताकि देश के अंदर और बाहर यह संदेश जाए कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट और अडिग है।
–आईएएनएस
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