प्राकृतिक आपदा को लेकर सरकार गंभीर, बचाव कार्य प्राथमिकता : जयंत चौधरी


मुजफ्फरनगर, 7 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में रविवार को राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने पार्टी के युवा कार्यकर्ता हर्ष राठी के आकस्मिक निधन पर उनके परिवार से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने मृतक के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

जयंत चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हर्ष राठी के पिता बाबूराम राठी हमारे दल के अध्यक्ष रहे और चौधरी अजीत सिंह के साथ काम किया। हर्ष ने भी युवाओं के लिए समर्पित होकर पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह जिला अध्यक्ष रहे और उनके परिवार से मेरे घनिष्ठ संबंध रहे हैं। उनके असामयिक निधन से पार्टी को गहरा आघात लगा है। मैं संवेदना व्यक्त करने और परिवार को सांत्वना देने आया हूं।”

बाबा बागेश्वर के हिंदू राष्ट्र संबंधी बयान पर जयंत चौधरी ने टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा, “मैं उनके बयानों का संज्ञान नहीं लेता और न ही इस पर कुछ कहूंगा।”

केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने राष्ट्रीय लोक दल के विधायक और सांसदों द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए अपना एक माह का वेतन देने के सवाल पर उन्होंने कहा, “यह एक छोटा और सांकेतिक प्रयास है। गांव-गांव में लोग अपने स्तर पर योगदान दे रहे हैं। शामली से हमने राहत सामग्री भेजी है और दिल्ली में किसान ट्रस्ट ने भी सामग्री इकट्ठा कर प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाई। प्रधानमंत्री मोदी और एनडीए कार्यकर्ता इस आपदा को गंभीरता से ले रहे हैं और जमीन पर सक्रिय हैं।”

विपक्ष द्वारा ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर जयंत चौधरी ने तंज कसते हुए कहा, “विपक्ष किस मुद्दे पर चुनाव लड़ेगा? वे इसे चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं, लेकिन जनता तय करेगी कि वोट किसे देना है।”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के प्रदर्शनों पर उन्होंने कहा, “बाढ़ और किसानों के मुद्दों पर बात करना ठीक है, लेकिन जो पहले से वोट चोरी की बात करते हैं, उन्हें जीत की उम्मीद नहीं है।”

उन्होंने बाढ़ प्रभावित राज्यों जैसे पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हुए नुकसान पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “जान-माल के नुकसान की पूर्ति नहीं हो सकती, लेकिन सरकार तत्काल मदद और मुआवजा सुनिश्चित करें।”

शिक्षकों और कारीगरों के सम्मान पर उन्होंने जोर देते हुए कहा, “90 प्रतिशत कार्य हाथ से करने वाले कारीगरों, मैकेनिकों, ड्राइवरों और अन्य पेशेवरों को बेहतर प्रशिक्षण और उचित मजदूरी मिलनी चाहिए। उनके काम में पारदर्शिता और सम्मान जरूरी है।”

–आईएएनएस

एकेएस/एएस


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