वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा और संरक्षण के लिए सरकार प्रतिबद्ध : सीएम धामी


देहरादून, 9 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को बुजुर्गों की समस्याएं सुनने और उनका समाधान करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों को गरिमा और संरक्षण देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण के पीठासीन अधिकारी के रूप में वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं का तुरंत समाधान सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम-2007’ को प्रभावी रूप से लागू करने को कहा। इस अधिनियम के तहत वरिष्ठ नागरिकों को उनके बच्चों, पोते-पोतियों या संपत्ति के उत्तराधिकारियों से वैधानिक रूप से भरण-पोषण मांगने का अधिकार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस कानून के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर 13 अपीलीय भरण-पोषण अधिकरण और सब-डिवीजन स्तर पर 69 से अधिक भरण-पोषण अधिकरण कार्यरत हैं, जहां भरण-पोषण की राशि अधिकतम 10 हजार रुपए प्रति महीने निर्धारित की जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जिला मजिस्ट्रेट अपीलीय अधिकरण के पीठासीन अधिकारी होंगे, जो कानून को सख्ती से लागू करते हुए वरिष्ठ नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए उत्तरदायी होंगे। वहीं, सब-डिवीजन स्तर पर एसडीएम अधिकरण के पीठासीन अधिकारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी (डीसीडब्ल्यूओ) पदेन भरण-पोषण अधिकारी के रूप में काम करेंगे।

पुष्कर सिंह धामी ने यह भी कहा कि कानून के तहत अगर कोई वरिष्ठ नागरिक देखभाल की शर्त पर संपत्ति किसी दूसरे को सौंपता है, लेकिन इसके बाद तय शर्तें पूरी नहीं होती तो अधिकरण उस हस्तांतरण को अमान्य घोषित करते हुए संपत्ति की वापसी सुनिश्चित कर सकता है। वरिष्ठ नागरिकों को सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। बागेश्वर, चमोली एवं उत्तरकाशी जिलों में निशुल्क वृद्ध एवं निशक्तजन आवास गृह चलाए जा रहे हैं, जहां कई जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिक रहते हैं। राज्य में वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष रामचंद्र गौड़ हैं। शांति मेहरा, नवीन वर्मा और हरक सिंह नेगी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी वरिष्ठ नागरिकों से भी अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर आप जीवन-यापन में कठिनाई का सामना कर रहे हैं तो अपने नजदीकी भरण-पोषण अधिकरण या जिला समाज कल्याण अधिकारी से तुरंत संपर्क करें।

–आईएएनएस

डीसीएच/एबीएम


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