सरकार का 2030 तक 500 गीगावाट हरित ऊर्जा हासिल करना लक्ष्य, 14-15 नवंबर को 'चिंतन शिविर'

सरकार का 2030 तक 500 गीगावाट हरित ऊर्जा हासिल करना लक्ष्य, 14-15 नवंबर को 'चिंतन शिविर'

नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने बुधवार को कहा कि मंत्रालय 14-15 नवंबर को भुवनेश्वर में दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ आयोजित करने जा रहा है।

यह दो दिवसीय चिंतन शिविर 2030 तक 500 गीगावाट और 2047 तक 1800 गीगावाट हरित ऊर्जा के अगले लक्ष्य की ओर रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करने को लेकर महत्वपूर्ण होगा।

इस कार्यक्रम का केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी आईटीसी भुवनेश्वर में उद्घाटन करेंगे।

आधिकारिक बयान के अनुसार, ”राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक, ओडिशा के ऊर्जा मंत्री कनक वर्धन सिंह देव और एमएनआरई सचिव प्रशांत कुमार सिंह भी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।”

‘चिंतन शिविर’ का उद्देश्य अग्रणी निर्णयकर्ताओं, वित्तीय संस्थानों, उद्योगपतियों, सीईओ और केंद्र तथा राज्य सरकारों के प्रमुख अधिकारियों को साथ लाना है, जो भारत की रिन्यूएबल एनर्जी यात्रा के अभिन्न अंग हैं। सभी प्रतिभागी अलग-अलग विषयों के सत्रों के जरिए इस सेक्टर में प्रमुख और उभरते मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।

प्रमुख सत्रों में ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ शामिल होगी, जिसका उद्देश्य भारत में सौर सहायक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देते हुए 1 करोड़ रूफटॉप इंस्टॉलेशन हासिल करना है।

पहले दिन के लिए ‘फ्रॉम माइन्स टू मॉड्यूल – इंडिया एज ग्लोबल सोलर मैन्युफैक्चरिंग’, ‘इंडिया एज ग्लोबल विंड मैन्युफैक्चरिंग हब’ और ‘मिसमैच बिटविन अपकमिंग आरई कैपेसिटी एंड ट्रांसमिशन रेडीनेस’ विषय निर्धारित किए गए हैं।

सम्मेलन के दूसरे दिन के कार्यक्रम में डिस्कॉम द्वारा रिन्यूएबल एनर्जी की खरीद सुनिश्चित करने की रणनीति, राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम, भारत में ऊर्जा भंडारण की उभरती भूमिका, भारत में छोटे हाइड्रो पावर प्लांट के लिए एक इंटीग्रेट रणनीति विकसित करना और हरित हाइड्रोजन हॉरिजोन पर विचार-मंथन सत्र शामिल हैं।

एक नई रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2024 में भारत का सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) उत्पादों का निर्यात 23 गुना बढ़कर 2 बिलियन डॉलर हो गया।

इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) और जेएमके रिसर्च एंड एनालिटिक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह भारत के सौर उत्पादों के शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

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