ग्लोबल एआई यात्रा भारत के बिना अधूरी, देश जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनाने के लिए देश प्रतिबद्ध : पीयूष गोयल
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नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि ग्लोबल एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) यात्रा भारत बिना अधूरी है और देश की विशाल प्रतिभा और मजबूत तकनीकी क्षमता जिम्मेदार एआई विकास के प्रति प्रतिबद्ध है।
गोयल ने मुंबई टेक वीक 2025 में कहा कि भारत के लिए एआई एक दीर्घकालिक संकल्पना है और यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौतों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।
उन्होंने कहा, “भले ही एआई एक परिवर्तनकारी तकनीक हो, लेकिन मानव बुद्धि हमेशा उससे श्रेष्ठ रहेगी। एआई डेटा पर निर्भर करता है, और गलत डेटा मिलने पर यह गलत निष्कर्ष निकाल सकता है, जिससे मानव पर्यवेक्षण आवश्यक हो जाता है।”
केंद्रीय मंत्री ने डेटा गोपनीयता कानूनों पर व्यापक चर्चा की आवश्यकता को रेखांकित किया। भारत के नवीनतम डेटा नियमन ढांचे में डेटा के स्वतंत्र प्रवाह को बढ़ावा दिया गया है, साथ ही सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। भारत वर्तमान में 7-8 प्रमुख विकसित देशों के साथ डेटा साझा करने की प्रभावी नीतियां बनाने के लिए चर्चा कर रहा है।
गोयल ने कहा कि भारत में 43 प्रतिशत एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी और गणित) स्नातक महिलाएं हैं, जो एआई और तकनीकी उद्योगों में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक उद्योग भारत की तकनीकी भागीदारी को “तेज, स्मार्ट और गहरी” मानते हैं।
गोयल के मुताबिक कि भारत पहले से ही वैश्विक स्तर पर एआई अपनाने वाला चौथा सबसे बड़ा देश बन चुका है। एआई भारत के मुक्त व्यापार समझौतों, व्यापार वार्ताओं और नियामक ढांचे का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है।
भारत सरकार द्वारा एआई को बढ़ावा देने के लिए ‘रिस्पांसिबल एआई फॉर यूथ’, ‘एआई फॉर ऑल मिशन’, और ‘नेशनल एआई पोर्टल’ जैसी योजनाएं चला रही है, जो युवाओं को एआई युग में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करेंगी।
गोयल ने आगे बताया कि एआई भले ही उत्पादकता और आर्थिक विकास को बढ़ाएगा, लेकिन यह एक कृत्रिम तकनीक है। एआई को मानव मस्तिष्क ने बनाया है और यह हमेशा मानव बुद्धि से नीचे ही रहेगा,” जिससे एआई के अनुप्रयोगों में मानव निर्णय की अनिवार्यता स्पष्ट होती है।
मुंबई टेक वीक एशिया के सबसे बड़े एआई केंद्रित प्रौद्योगिकी आयोजनों में से एक है, जहां वैश्विक नेता, नीति निर्माता, उद्यमी और इनोवेटर्स एक साथ आते हैं। 2025 संस्करण में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो भारत को डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करता है।
—आईएएनएस
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