जीडीपी ग्रोथ सुधारों की निरंतरता और स्थिर शासन का परिणाम : सीएम रेखा गुप्ता

नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर अवधि) में 8.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर हासिल की है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की विकास दर 5.6 प्रतिशत से काफी अधिक है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को दिया है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत की अर्थव्यवस्था उल्लेखनीय गति प्राप्त कर रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमान 8.2% तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 5.6 प्रतिशत से तेजी से बढ़ा है। यह मजबूत वृद्धि विनिर्माण, निर्माण, वित्तीय सेवाओं, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाओं सहित प्रमुख क्षेत्रों में बढ़ती गतिविधियों को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि यह प्रगति नीतिगत स्पष्टता, सुधारों की निरंतरता और स्थिर शासन का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिसने पिछले एक दशक में भारत की आर्थिक दिशा को आकार दिया है। एक आश्वस्त दृष्टिकोण और भविष्य के लिए एक स्पष्ट रोडमैप के साथ, नया भारत उद्देश्य, महत्वाकांक्षा और दीर्घकालिक स्थिरता के साथ आगे बढ़ रहा है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि जीडीपी में वृद्धि से वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में विकास दर 8 प्रतिशत हो गई है, जो वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में 6.1 प्रतिशत थी।
मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर अवधि में देश की नॉमिनल जीडीपी में 8.7 प्रतिशत की दर से इजाफा हुआ है।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि रियल जीडीपी वृद्धि दर के आठ प्रतिशत से ऊपर निकलने की वजह द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन था।
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में द्वितीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत और तृतीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही है। द्वितीयक क्षेत्र में शामिल मैन्युफैक्चरिंग की वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही है। तृतीयक क्षेत्र में फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कृषि और उससे जुड़े हुए सेक्टर की विकास दर 3.5 प्रतिशत रही है। वहीं, इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई और अन्य यूटिलिटी सर्विसेज सेक्टर की वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही है।
–आईएएनएस
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