एससीओ शिखर सम्मेलन में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा भारत की ताकत को दर्शाता है : गौरव वल्लभ

नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में आतंकवाद को लेकर कड़ा रुख अपनाया। वहीं, एससीओ के सदस्य देशों ने घोषणापत्र में पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की। इस पर भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने कहा कि यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है।
एससीओ शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी पर भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने कहा कि यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। यह भारत की ताकत को दर्शाता है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने न केवल पहलगाम की घटना का उल्लेख किया, बल्कि इसे मानवता पर हमले के रूप में भी उजागर किया। यह उन लोगों के लिए तमाचा है जो ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान संसद में पूछ रहे थे कि दुनिया का कौन सा देश भारत के साथ है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो के ‘मुनाफाखोर ब्राह्मण’ वाले बयान पर गौरव वल्लभ ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने बहुत पहले ही इस पर जवाब दे दिया था, भारत दोहरे मापदंड स्वीकार नहीं करेगा। दूसरी बात, पीटर नवारो, आप अज्ञानी हैं। आपको पता नहीं कि ब्राह्मण का अर्थ क्या होता है। ब्राह्मण जाति त्याग का पर्याय है। अगर ब्राह्मण शब्द का प्रयोग उपनिवेशवाद के संदर्भ में कर रहे हैं तो आपका वह प्रयोग भी गलत है। भारत में सस्ते तेल का जो प्रभाव है, वह देश की जनता के जीवन स्तर को बढ़ाने में किया गया है।
उन्होंने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी वोट चोरी की बात कर रहे हैं, लेकिन वे खुद ही डॉ. बीआर अंबेडकर के संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, जिस संविधान में यह व्यवस्था है कि भारत के नागरिकों को वोट का अधिकार है। राहुल गांधी इस अधिकार को बांग्लादेशी घुसपैठियों को देना चाहते हैं। वे बिहार के युवाओं का हक बांग्लादेशी घुसपैठियों को देना चाहते हैं। वे जनता के बीच भय, भ्रम और अराजकता का वातावरण बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘वोट चोरी’ की बात राजद और राहुल गांधी न करें तो अच्छा है क्योंकि देश और बिहार की जनता को पता है कि चारा चोर और सीडब्ल्यूजी चोर कौन है। अगर गिनाना शुरू किया जाए तो राजद और कांग्रेस की चोरियां खत्म नहीं होंगी। राहुल गांधी ईवीएम से एसआईआर प्रक्रिया तक पहुंच गए और चुनाव आयोग पर गलत आरोप लगाने लगे। ये पार्टियां अपने परिवार और वंश के बारे में सोचती हैं।
–आईएएनएस
एएसएच/डीकेपी