दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून दूसरे मार्शल लॉ ट्रायल से फिर अनुपस्थित


सोल, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सूक-येओल शुक्रवार को मार्शल लॉ से जुड़े आरोपों के मामले में चल रहे अपने दूसरे मुकदमे में फिर से पेश नहीं हुए।

सियोल सेंट्रल जिला अदालत में सुनवाई उनकी गैरमौजूदगी में हुई। यह दूसरी बार था जब वे मुकदमे की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए। हालांकि, पिछले महीने उन्होंने पहली सुनवाई में हिस्सा लिया था, जो कानून के अनुसार जरूरी था।

जनवरी में, विशेष वकील चो यून-सुक की टीम ने यून पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कैबिनेट सदस्यों के अधिकारों का उल्लंघन किया, मार्शल लॉ की घोषणा में बदलाव किया और जांचकर्ताओं द्वारा की जा रही जांच में बाधा डाली थी।

पीठ ने कहा कि यून ने अपनी हाल की गैरहाजिरी का कारण स्वास्थ्य बताया, लेकिन यह भी पाया गया कि उन्होंने बिना किसी ठोस वजह के आने से मना किया।

योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक, अदालत ने कहा कि यून की गैरमौजूदगी के बावजूद मुकदमा चलेगा, क्योंकि जिस हिरासत केंद्र में वह है, वहां से उसे जबरन लाना आसान नहीं है।

यून पर 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू कर विद्रोह की साजिश में शामिल होने का भी मुकदमा चल रहा है। जुलाई में दूसरी बार गिरफ्तारी के बाद उन्होंने तब से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर उस मुकदमे की सुनवाई में हिस्सा नहीं लिया है।

15 अक्टूबर को यून सूक येओल खुद ही विशेष जांच टीम के सामने पेश हुए। इससे पहले कि जांचकर्ता उन्हें जबरन लाने के लिए वारंट जारी करते।

सहायक विशेष वकील पार्क जी-यंग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जेल में बंद पूर्व राष्ट्रपति विशेष वकील चो यून-सुक के ऑफिस में थे, जहां उनसे मार्शल लॉ लागू करने में असफलता से जुड़े आरोपों के बारे में सवाल किए गए।

बुधवार तक जुलाई में दूसरी बार गिरफ्तारी के बाद से यून ने अपनी और अपनी पत्नी किम कियोन ही से जुड़े सभी जांच नोटिस नजरअंदाज कर दिए थे, जो विशेष वकील टीमों ने भेजे थे।

पार्क ने कहा कि उनकी उपस्थिति उस समय हुई जब अदालत ने 1 अक्टूबर को उनकी हिरासत का वारंट जारी किया था। इसके बाद टीम ने अगले दिन सियोल हिरासत केंद्र में उन्हें पकड़ने का आदेश दिया, जहां वे रखे गए हैं।

उन्होंने कहा, “सियोल हिरासत केंद्र को उनके मुकदमे की तारीख को ध्यान में रखते हुए आज सुबह लगभग 8 बजे हिरासत वारंट लागू करना था। जेल अधिकारियों ने उन्हें वारंट जारी होने और उसे लागू करने की योजना पहले ही बता दी थी, इसलिए पूर्व राष्ट्रपति यून ने खुद ही पेश होने का फैसला किया, जिससे वारंट लागू नहीं हो सका।”

–आईएएनएस

एसएचके/एएस


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