पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ ने मायावती से मांगी माफी, पार्टी में वापसी की लगाई गुहार

लखनऊ, 6 सितंबर (आईएएनएस)। पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ ने बसपा सुप्रीमो मायावती से हाथ जोड़कर माफी मांगी है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि बसपा में रहते हुए उनसे जाने-अनजाने कुछ गलतियां हुई थीं, लेकिन अब वे पूरे अनुशासन और निष्ठा के साथ बहनजी के मार्गदर्शन में कार्य करना चाहते हैं।
फर्रुखाबाद निवासी पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी। इसमें सबसे पहले उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को ‘चरण स्पर्श’ लिखा। इसके बाद लिखा कि ‘पार्टी का कार्य करने के दौरान ‘जाने-अनजाने’ तथा गलत लोगों के बहकावे में आकर मुझसे जो भी गलतियां हुई हैं। उसके लिए बहन जी से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।’
अशोक सिद्धार्थ ने अपनी पोस्ट में कहा, बहनजी ने अनेकों कठिनाइयों और संघर्षों का सामना करते हुए दलितों, पिछड़ों और उपेक्षित वर्गों के हित में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है। मैं उनके चरणों में नमन करता हूं और अपनी सभी गलतियों के लिए क्षमा याचना करता हूं। पूर्व सांसद ने स्पष्ट किया कि वे रिश्तेदारी या किसी अन्य कारण से पार्टी में किसी भी प्रकार का अनुचित लाभ नहीं उठाएंगे। उन्होंने खासकर यह भरोसा दिलाया कि बसपा से निकाले गए नेताओं के पक्ष में वे कभी भी सिफारिश नहीं करेंगे।
सिद्धार्थ ने नाम लेकर कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप ताजने और फिरोजाबाद के हेमंत प्रताप सहित अन्य निष्कासित नेताओं को पुनः शामिल कराने की बात वे कभी नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अब मैं पुनः बहन जी अपनी सभी छोटी-बड़ी गलतियों की माफी मांगते हुए उनसे पार्टी में वापस लेने के लिए विशेष आग्रह करता हूं।
ज्ञात हो कि मायावती ने कुछ माह पहले बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर निकाल दिया था। मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा था कि बसपा की ओर से खासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डा अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद व नितिन सिंह, ज़िला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
अशोक सिद्धार्थ पहले मायावती के नजदीकी सर्किल के नेता थे। वह मायावती के वफादारों की पहली सूची में आते थे। इस कारण उन्हें राज्यसभा से सांसद बनाया गया था।
–आईएएनएस
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