सुजय भद्र की आवाज जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन लटका


कोलकाता, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। कोलकाता की एक विशेष अदालत के स्पष्ट आदेश के बावजूद, पश्चिम बंगाल में स्कूल भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र के आवाज के नमूने के परीक्षण के लिए केंद्र संचालित ईएसआई अस्पताल में एक विशेष मेडिकल बोर्ड के गठन को लेकर जटिलताएं जारी हैं।

अस्पताल के अधिकारियों ने न्यूरोलॉजिस्ट की भारी कमी के कारण पूर्ण-चिकित्सा बोर्ड बनाने में असमर्थता व्यक्त की है।

इसलिए, फिलहाल, अस्पताल के अधिकारियों ने इसके गठन के लिए आवश्यक चिकित्सा विज्ञान की अन्य धाराओं के डॉक्टरों के साथ एक उपलब्ध मेडिकल बोर्ड बनाने का निर्णय लिया है।

सूत्रों के मुताबिक, बिना किसी न्यूरोलॉजिस्ट के इस उपलब्ध मेडिकल बोर्ड के गठन के लिए अस्पताल अधिकारियों को उसी विशेष अदालत से अनुमति भी मिल गई है।

विशेष बोर्ड के 24 नवंबर के आदेश के अनुसार, मेडिकल बोर्ड में एक हृदय रोग विशेषज्ञ, एक न्यूरोलॉजिस्ट और एक ईएनटी विशेषज्ञ को शामिल किया जाना था।

आदेश में कहा गया है कि अगर एक बार मेडिकल बोर्ड भद्र की आवाज-नमूना परीक्षण करने के लिए हरी झंडी दे देता है, तो इसे एक फोरेंसिक विशेषज्ञ, एक सामान्य चिकित्सक और एक स्वतंत्र गवाह की उपस्थिति में किया जाना चाहिए।

अगस्त में उनकी बाईपास सर्जरी के बाद से भद्र को वर्तमान में दक्षिण कोलकाता में सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रखा जा रहा है।

मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बार-बार अस्पताल अधिकारियों पर भद्र की आवाज का नमूना परीक्षण करने में असहयोग करने का आरोप लगाया है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा मामले की जांच 31 दिसंबर तक समाप्त करने के निर्देश के बाद अब आवाज का नमूना परीक्षण अनिवार्य हो गया है।

हाल ही में, पश्चिम बंगाल विधानसभा में ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआईएसएफ) के एकमात्र प्रतिनिधि नौशाद सिद्दीकी ने भद्र के जीवन को खतरे पर आशंका व्यक्त की थी।

सिद्दीकी ने कहा, “भद्र की आवाज इस संबंध में बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि उनकी आवाज की मदद ईडी के अधिकारी राज्य के शीर्ष प्रभावशाली लोगों के आवासों तक पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं। इसलिए उनके लिए जीवन का खतरा है। यहां तक कि कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है।”

–आईएएनएस

एकेजे


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