अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा भारत ईरान अफगानिस्तान आर्मेनिया अजरबैजान रूस मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए 7200 किलोमीटर लंबी मल्टी-मोड परिवहन परियोजना है। अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान जयशंकर अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से मिलेंगे और उनके साथ लाल सागर में उभरती सुरक्षा स्थिति सहित कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे। दोनों मंत्री द्विपक्षीय क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को ईरान में सड़क एवं शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बज्रपाश से मुलाकात कर अपने दौरे की शुरुआत की। इस दौरान दोनों पक्षों ने दीर्घकालिक सहयोग ढांचा स्थापित करने पर, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह पर, विस्तृत और “उत्पादक” चर्चा की।
जयशंकर यहां दोनों पक्षों के बीच चल रहे उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान के हिस्से के रूप में आए हैं। उन्होंने बज्रपाश के साथ अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने कहा एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “सड़क और शहरी विकास मंत्री @mehrdadbazrpash से मुलाकात के साथ तेहरान में मेरी व्यस्तताएं शुरू हुईं। चाबहार बंदरगाह के संबंध में दीर्घकालिक सहयोग ढांचे की स्थापना पर विस्तृत और उपयोगी चर्चा हुई। अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।”
ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित, चाबहार बंदरगाह कनेक्टिविटी और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ईरान द्वारा विकसित किया जा रहा है। भारत क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए चाबहार बंदरगाह परियोजना पर जोर दे रहा है, खासकर अफगानिस्तान से इसकी कनेक्टिविटी के लिए।
2021 में ताशकंद में एक कनेक्टिविटी सम्मेलन में जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह को अफगानिस्तान सहित एक प्रमुख क्षेत्रीय पारगमन केंद्र के रूप में पेश किया। चाबहार बंदरगाह को INSTC परियोजना के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी देखा जाता है।
अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी मल्टी-मोड परिवहन परियोजना है। अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान जयशंकर अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से मिलेंगे और उनके साथ लाल सागर में उभरती सुरक्षा स्थिति सहित कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
दोनों मंत्री द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। जयशंकर और अमीर-अब्दुल्लाहियन के चाबहार बंदरगाह के माध्यम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर भी विचार-विमर्श करने की संभावना है। जयशंकर की तेहरान की नियोजित यात्रा इजराइल-हमास संघर्ष के बीच लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को हूती आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाए जाने पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं की पृष्ठभूमि में हो रही है।
अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूती ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए हैं। भारत लाल सागर में उभरती स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच गुरुवार को फोन पर हुई बातचीत में यह मुद्दा उठा। भारतीय नौसेना ने उत्तर और मध्य अरब सागर सहित महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में समुद्री वातावरण को देखते हुए समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए अपने अग्रिम पंक्ति के जहाजों और निगरानी विमानों की तैनाती पहले ही बढ़ा दी है।
हूती ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमलों के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह आगे के उपायों को निर्देशित करने में संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “इन लापरवाह हमलों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया एकजुट और दृढ़ रही है।” विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने राजनीतिक मामलों के लिए ईरानी उप विदेश मंत्री अली बघेरी कानी के साथ भारत-ईरान विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) की बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए नवंबर में तेहरान का दौरा किया।