हनुमान जयंती के दिन सुल्तानपुर में खुदाई के दौरान निकली पांच फीट ऊंची हनुमान जी की मूर्ति


सुल्तानपुर, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। सुल्तानपुर जिले के कूरेभार क्षेत्र के फूलपुर गांव में हनुमान जयंती के अवसर पर एक घर में खुदाई के दौरान लगभग पांच फीट लंबी प्राचीन हनुमान जी की मूर्ति प्राप्त हुई है। यह घटना उस समय घटी, जब गांव निवासी कालीदीन पांडेय अपने घर के बाहर शौचालय के टैंक के लिए जेसीबी से गड्ढा खुदवा रहे थे। खुदाई के दौरान जेसीबी के किसी ठोस चीज से टकराने की आवाज आई, जिसके बाद मजदूरों से सावधानीपूर्वक खुदाई करवाई गई। धीरे-धीरे जब खुदाई आगे बढ़ी तो एक विशाल पत्थर की मूर्ति बाहर आई।

इस घटना की जानकारी गांव में फैलते ही स्थानीय लोगों की भारी भीड़ मूर्ति को देखने के लिए उमड़ पड़ी। यह घटना ठीक हनुमान जयंती के दिन हुई, इसलिए लोगों में इसे लेकर गहरी आस्था और उत्साह देखा गया। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह महज संयोग नहीं, बल्कि भगवान की कृपा है कि ऐसे शुभ दिन पर उनकी प्रतिमा प्राप्त हुई।

पुजारी सोनू दास जी महाराज ने इसे एक सौभाग्यपूर्ण और आध्यात्मिक संकेत बताते हुए कहा कि यह मूर्ति संभवतः मुगलकालीन है और यह स्थान वीर बजरंगबली की विशेष कृपा का केंद्र है। उन्होंने कहा कि यह मूर्ति जहां से प्राप्त हुई है, वहीं पर एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाएगा और पूरे क्षेत्र में इसकी महिमा का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

मूर्ति मिलने की जानकारी मिलते ही कूरेभार थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे क्षेत्र की निगरानी शुरू कर दी। थानाध्यक्ष शारदेंदु दुबे ने बताया कि मूर्ति को लेकर आवश्यक विधिक और वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाई जाएगी, और पुरातत्व विभाग को भी सूचित कर दिया गया है ताकि मूर्ति की ऐतिहासिकता और कालखंड का आकलन किया जा सके। उन्होंने बताया कि हिंदू संगठनों के प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने मूर्ति की पूजा-अर्चना शुरू कर दी है।

मकान मालिक कालीदीन पांडेय ने बताया कि वह अपने घर के लिए शौचालय का टैंक बनवा रहे थे और यह बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि खुदाई के दौरान कुछ ऐसा निकलेगा। उन्होंने कहा कि जब मूर्ति दिखाई दी तो पहले तो वह पहचान नहीं पाए, लेकिन जैसे-जैसे मिट्टी हटाई गई, स्पष्ट हो गया कि यह हनुमान जी की मूर्ति है। उन्होंने कहा कि अब वह उस स्थान पर शौचालय नहीं बनाएंगे, बल्कि स्थानीय लोगों के सहयोग से एक मंदिर का निर्माण करवाएंगे। उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील की कि इस धार्मिक स्थल को विकसित करने में सहयोग किया जाए, ताकि यहां एक दिव्य मंदिर की स्थापना हो सके और योग्य पुजारियों द्वारा विधिवत पूजा-पाठ हो।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी


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