भ्रष्टाचार से लड़ना हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी: ओडिशा के मुख्यमंत्री


भुवनेश्वर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ना सिर्फ प्रशासनिक कर्तव्य नहीं है, बल्कि राज्य के प्रत्येक नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री माझी ने भुवनेश्वर में सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 के राज्य स्तरीय समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि जब भ्रष्टाचार हमारी व्यवस्था में प्रवेश करता है, तो यह आम लोगों का विश्वास तोड़ देता है। भ्रष्टाचार शासन की नींव को ही कमजोर कर देता है। इसलिए भ्रष्टाचार से लड़ना केवल एक कर्तव्य नहीं, बल्कि हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार को समाज की प्रगति और विकास में एक बड़ी बाधा बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनाई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सही लाभार्थियों तक पहुंचे।

उन्होंने एक स्वच्छ, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासनिक व्यवस्था की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि केवल ईमानदार शासन ही जनता के विश्वास को मजबूत कर सकता है और विकास को गति दे सकता है। उन्होंने कहा कि एक प्रगतिशील और भ्रष्टाचार मुक्त समाज के निर्माण के लिए शासन में पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा आवश्यक है।

मुख्यमंत्री माझी ने ओडिशा सतर्कता विभाग की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद, मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश जारी किए थे। ओडिशा सतर्कता विभाग ने पिछली व्यवस्था में सुधार करके, चाहे वह बड़ा हो या छोटा, भ्रष्ट व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए देश की अग्रणी भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों में से एक के रूप में ख्याति अर्जित की है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने सतर्कता विभाग को स्वतंत्र और निडर होकर कार्य करने का अधिकार दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भ्रष्ट आचरण में शामिल कोई भी व्यक्ति बख्शा न जाए। मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से लेकर आईएएस अधिकारियों तक, किसी को भी छूट नहीं दी गई है और यह केवल विभाग को दी गई स्वायत्तता के कारण ही संभव हो पाया है।

अपनी सरकार के संकल्प को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सतर्कता विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को, चाहे उसका पद या प्रभाव कुछ भी हो, न तो माफ करेगा और न ही बख्शेगा।

–आईएएनएस

एमएस/डीकेपी


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