पाकिस्तान में 27वां संशोधन: वकीलों का उग्र प्रदर्शन, कराची हाईकोर्ट परिसर बना रणक्षेत्र


कराची, 22 नवंबर (आईएएनएस)। कराची, 22 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान में सेना को बलवान और अन्य प्रशासनिक एवं संवैधानिक इकाइयों को कमजोर करने वाले 27वें संशोधन के खिलाफ कराची बार एसोसिएशन (केबीए) के वकीलों ने शनिवार को सिंध हाई कोर्ट (एसएचसी) में जबरदस्त प्रदर्शन किया। स्थानीय मीडिया ने इसकी जानकारी दी।
एसएचसी परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच जबरदस्त भिड़ंत भी हुई। पुलिसवालों का आरोप है कि वकीलों ने उनकी यूनीफॉर्म तक फाड़ डाली।

इस विवादित संशोधन के कारण फेडरल कॉन्स्टिट्यूशनल कोर्ट (एफसीसी) बना है, जिसे विपक्ष के पुरजोर विरोध के बावजूद संसद ने पास कर दिया।

जाने माने मीडिया आउटलेट डॉन ने कुछ विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि यह देश के सबसे बड़े ज्यूडिशियल फोरम के तौर पर सुप्रीम कोर्ट (एससी) को हटाने और पद एफसीसी को देने का एक तरीका है।

एससी पर इसके असर का हवाला देते हुए, पूर्व और मौजूदा जजों के साथ-साथ वकीलों ने भी विरोध में आवाज उठाई है। 13 नवंबर को संशोधन लागू किए जाने के कुछ घंटों बाद, एससी के दो जजों ने इसके खिलाफ अपनी आपत्ति जताते हुए इस्तीफा दे दिया था। ये दो जज अतहर मिनल्लाह और मंसूर अली शाह थे, जो उस समय एससी के वरिष्ठ जज थे।

शनिवार को, वकीलों ने एसएचसी परिसर के बाहर नारे लगाकर अपना विरोध शुरू किया और बाद में हाई कोर्ट के परिसर में दाखिल हो गए। डॉन के मुताबिक, कुछ वकील पुलिस वालों से भिड़ते हुए देखे गए। झड़प के बाद, पुलिस वाले पीछे हट गए और विरोध प्रदर्शन जारी रखने दिया गया। कुछ पुलिस अधिकारियों को मामूली चोटें आने की खबर है।

वकील सिंध हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के हॉल में घुस गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए अपना प्रदर्शन जारी रखा। बाद में बिजली सप्लाई बंद होने के बाद उन्होंने बार रूम के बाहर प्रदर्शन किया।

केबीए ने पिछले हफ्ते रिटायर्ड जजों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सबऑर्डिनेट ज्यूडिशियरी में पूरे दिन की हड़ताल की थी। इसने सोमवार को भी पूरे दिन की हड़ताल की थी, इस दौरान केस करने वालों को सिटी कोर्ट परिसर में घुसने नहीं दिया गया और बॉयकॉट के कारण कार्यवाही टाल दी गई।

केबीए ने पहले ही कहा था कि मंगलवार से शनिवार (आज) तक, “सुबह 11 बजे से टोकन स्ट्राइक की जाएगी।”

–आईएएनएस

केआर/


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