व्यायाम जंक फूड से उत्पन्न अवसाद के लक्षणों का मुकाबला करने में सक्षम है: अध्ययन


नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। मंगलवार को एक पशु अध्ययन के अनुसार, अधिक जंक फूड खाने वाले लोग दौड़ने जैसे कार्डियो व्यायाम करके मानसिक स्वास्थ्य पर इसके बुरे प्रभावों का मुकाबला कर सकते हैं।

आयरलैंड के यूनिवर्सिटी कॉलेज कॉर्क के शोधकर्ताओं ने विशिष्ट चयापचय मार्गों की पहचान की है जिनके माध्यम से व्यायाम वेस्टर्न स्टाइल डाइट के नकारात्मक व्यवहार संबंधी प्रभावों का प्रतिकार करता है।

शोध के अनुसार स्वैच्छिक दौड़ से हाई फैट, हाई शुगर डाइट के कारण होने वाला डिप्रेशन कम होता है, जो परिसंचारी हार्मोन और आंत से उत्पन्न मेटाबोलाइट्स दोनों से जुड़ा होता है।

विश्वविद्यालय की प्रोफेसर यवोन नोलन ने कहा, “ये निष्कर्ष इस बात पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं कि व्यापक रूप से अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड सेवन के युग में मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए जीवनशैली में बदलाव किया जा सकता है।”

पत्रिका ब्रेन मेडिसिन में प्रकाशित इस अध्ययन में, टीम ने वयस्क नर चूहों को साढ़े सात हफ्तों तक या तो मानक भोजन या विभिन्न उच्च वसा (हाई फैट) और उच्च शर्करा (हाई शुगर) वाले खाद्य पदार्थों से युक्त एक रोटेटिंग कैफेटेरिया आहार ( खाद्य मॉडल जिसमें निश्चित समय में डाइट बदला जाता है) दिया, जिसमें प्रत्येक आहार समूह के आधे चूहों को रनिंग व्हील्स तक पहुंचाया।

अध्ययन से पता चला कि स्वैच्छिक रूप से दौड़ने वाले चूहों पर अवसादरोधी प्रभाव पड़ा, जिससे पता चलता है कि शारीरिक गतिविधि पश्चिमी शैली के आहार लेने वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद हो सकती है।

प्रोफेसर नोलन और उनकी टीम ने पाया कि आहार ने आंत के मेटाबोलोम में बदलाव किया, जिससे निष्क्रिय जानवरों में मापे गए 175 मेटाबोलाइट्स में से 100 प्रभावित हुए।

नोलन ने कहा, “व्यायाम ने अधिक चयनात्मक प्रभाव दिखाए, इन परिवर्तनों के केवल एक उपसमूह को नियंत्रित किया। तीन मेटाबोलाइट्स, जो पहले मूड रेगुलेशन (मनोदशा नियंत्रण) से जुड़े थे, का रिस्पॉन्स पैटर्न बदल गया। एंसेरिन, इंडोल-3-कार्बोक्सिलेट और डीऑक्सीइनोसिन, सभी कैफेटेरिया आहार से कम हो गए थे, लेकिन व्यायाम से आंशिक रूप से बहाल हो गए।”

इसके अलावा, शोध में मस्तिष्क कार्य के कई क्षेत्रों का आकलन करने के लिए व्यापक व्यवहार परीक्षण बैटरियों का उपयोग किया गया।

हालांकि अकेले जंक फूड ने इन वयस्क चूहों की स्मृति को ही प्रभावित नहीं किया, व्यायाम ने स्थानिक मार्गदर्शन करने (किसी जीव का किसी स्थान से दूसरे स्थान तक रास्ता खोजने और उसका निर्धारण करने की क्षमता) में मामूली सुधार किया।

टीम ने चिंता जैसे व्यवहारों की भी जांच की, और आहार संरचना से स्वतंत्र व्यायाम के सूक्ष्म चिंता-निवारक प्रभावों का पता लगाया।

निष्कर्ष बताते हैं कि व्यायाम आहार की गुणवत्ता की परवाह किए बिना मूड को बेहतर कर सकता है, लेकिन पूर्ण न्यूरोप्लास्टिक लाभ प्राप्त करने के लिए पोषण संबंधी स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है।

–आईएएनएस

केआर/


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