जन्मदिन विशेष: फैंस के दिलों की धड़कन, हर पीढ़ी को आए पसंद – सोनू निगम का संगीतमय सफर जानदार

नई दिल्ली, 29 जुलाई (आईएएनएस)। संगीत सिर्फ सुरों का मेल नहीं होता, यह एहसासों की ज़ुबान है। जब इस एहसास को सोनू निगम जैसी आवाज मिलती है तो बात ही कुछ और होती है—सीधे दिल में उतर जाती है। सोनू निगम ऐसे ही कलाकार हैं जिनकी आवाज का जादू हर पीढ़ी के सिर चढ़कर बोलता है।
हिंदी के अलावा भोजपुरी, तमिल, तेलुगु, मराठी, कन्नड़, बंगाली, और अंग्रेजी भाषा में भी गीत गाए हैं। इस ‘हैंडसम सिंगर’ के लिए संगीत ही सब कुछ है।
मोहम्मद रफी का गीत ‘क्या हुआ तेरा वादा’ स्टेज पर परफॉर्म किया तो सब दंग रह गए। धीरे-धीरे लोग इन्हें मोहम्मद रफी की आवाज के नाम से जानने लगे। इनकी पुर सुकून आवाज में रफी साहब की सी कशिश थी जिसे उस दौर में लोगों ने पसंद किया तो अगली पीढ़ी ने इनके बिंदास गानों को दिल से लगा लिया। यही वजह है कि सोनू निगम के गीत हर पीढ़ी के मन के तार छेड़ते हैं।
भारत के इस गुणकार का जन्म 30 जुलाई 1973 को हरियाणा के फरीदाबाद में हुआ था। एक छोटे शहर में जन्मे सोनू निगम का मायानगरी तक का सफर काफी प्रेरणादायक रहा। महज 4 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता के साथ मंच पर गाना शुरू कर दिया था। जब बड़े हुए तो अपने करियर की शुरुआत भक्ति गीतों से की, जो कि काफी लोकप्रिय रहे। पहली बार सफलता का जबरदस्त स्वाद ‘बेवफा सनम ‘फिल्म के गाने ‘अच्छा सिला दिया’ ने चखाया। 90 के दशक ने इन्हें बुलंदियों पर पहुंचा दिया।
1997 में आई फिल्म बॉर्डर के ‘संदेशे आते हैं’ का जादू तो अब तक फैंस के सिर से उतरा नहीं है। इस गीत ने सोनू को सुपर स्टारडम का एहसास कराया। गायकी का जादू दर्शकों पर ऐसा चढ़ा कि वे बॉलीवुड के चर्चित पार्श्वगायकों की लिस्ट में आ गए।
1990 के दौर से लेकर आज तक उन्होंने हजारों गीत गाए। इनमें कई गीत ऐसे हैं जो आज भी दर्शक भूल नहीं पाए हैं। सोनू जितने बड़े गायक हैं, उतने ही अच्छे इंसान भी हैं। उन्होंने कई युवा गायकों को गायकी के टिप्स दिए।
वह एक कुशल संगीतकार, अभिनेता, और टीवी होस्ट भी हैं। संगीत से जुड़े कई शो को होस्ट भी किया।
सोनू जब अपने करियर के पीक पर थे तो साल 2003 में एक ही दिन में 28 गाने रिकॉर्ड किए, जो अपने आप में एक अनोखा रिकॉर्ड है। भारतीय संगीत में योगदान के लिए सोनू को साल 2022 में पद्म श्री से नवाजा गया।
–आईएएनएस
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