बुरे समय में भी मैंने फिल्मों को ‘ना’ कहने का किया साहस : आमिर खान

मुंबई, 9 मार्च (आईएएनएस)। बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान अपने 60वें जन्मदिन से पहले रविवार को मुंबई में ‘आमिर खान: सिनेमा का जादूगर’ फिल्म फेस्टिवल के लंच में शामिल हुए। इस दौरान खान ने फिल्म से जुड़े अपने कई अनुभव शेयर किए।
कार्यक्रम के दौरान अभिनेता ने पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर से बात की।
जावेद अख्तर ने कहा, “कौन अपने दिमाग से ‘दंगल’ करता, जिसमें एक बूढ़े व्यक्ति की भूमिका थी, जो कुश्ती में अपनी बेटी से हार जाता है? आप जोखिम लेते हैं, कोई और नहीं ले सकता।”
आमिर ने कहा कि चयन करना एक ऐसी चीज है, जो उनके जीवन में बहुत पहले ही आ गई थी। अभिनेता ने कहा कि ‘कयामत से कयामत तक’ में अपनी शुरुआत के बाद अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्हें अच्छी स्क्रिप्ट्स के लिए संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उस समय भी उन्होंने कई फिल्मों को ‘ना’ कहा था।
अभिनेता ने कहा, “मेरे सबसे बुरे समय में भी मैंने ‘नहीं’ कहने का साहस किया। अगर मैंने उस दिन समझौता कर लिया होता तो मेरा पूरा करियर समझौतों की एक सीरीज बन जाता।”
उन्होंने कहा, “मुझे जीवन के सबसे बुरे समय में महेश भट्ट की एक फिल्म मिली। लेकिन मुझे वह फिल्म पसंद नहीं आई। मैंने हिम्मत की और महेश भट्ट को यह बात बताई।”
आमिर की गिनती हिंदी सिनेमा के एक ऐसे सुपरस्टार के रूप में की जाती है, जो प्रयोग करने की हिम्मत रखते हैं और ऐसी फिल्में करते हैं जो बॉक्स-ऑफिस और सांस्कृतिक प्रभाव दोनों के मामले में मानक स्थापित करने की क्षमता रखती है। उनकी अन्य फिल्में जो पूरी तरह से लोकप्रिय हो गईं। इस लिस्ट में ‘अंदाज अपना अपना’, ‘रंग दे बसंती’, ‘सरफरोश’, ‘तारे जमीन पर’, ‘3 इडियट्स’, ‘दिल चाहता है’, ‘दंगल’ समेत अन्य फिल्मों के नाम शामिल हैं।
–आईएएनएस
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