ईवी फर्म 'बैटरी स्मार्ट' का शुद्ध घाटा वित्त वर्ष 2024 में दोगुना होकर 140 करोड़ रुपए हुआ, खर्च में भी उछाल


नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। गुरुग्राम बेस्ड ईवी स्टार्टअप ‘बैटरी स्मार्ट’ का वित्त वर्ष 2024 में शुद्ध घाटा 140 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष में दर्ज 61 करोड़ रुपए के घाटे से दोगुना से भी अधिक है।

परिचालन राजस्व में तीन गुना वृद्धि के बावजूद, बढ़ती लागत ने कंपनी के मुनाफे पर भारी असर डाला।

‘बैटरी स्मार्ट’ का परिचालन राजस्व वित्त वर्ष 2024 में 193 प्रतिशत बढ़कर 164 करोड़ रुपए हो गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 56 करोड़ रुपए था, जो पूरी तरह से इसके मुख्य व्यवसाय – इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए बैटरी-एज-ए-सर्विस द्वारा संचालित है।

एनट्रैकर द्वारा रिपोर्ट की गई कंपनी की वित्तीय स्थिति से पता चलता है कि वित्तीय परिसंपत्तियों पर ब्याज से 23 करोड़ रुपए की आय सहित कंपनी की कुल आय वर्ष के लिए 187 करोड़ रुपए रही।

हालांकि, कंपनी का कुल व्यय एक साल पहले के 125 करोड़ रुपए से दोगुना होकर 327 करोड़ रुपए हो गया।

आंकड़ों के अनुसार, इसका एक बड़ा हिस्सा मूल्यह्रास शुल्क में लगभग 3.8 गुना वृद्धि से 85 करोड़ रुपए और वित्त लागत में 3.75 गुना वृद्धि से 45 करोड़ रुपए तक आया।

एम्प्लॉई बेनिफिट एक्सपेंस भी तेजी से बढ़कर 41 करोड़ रुपए हो गया, जबकि विज्ञापन व्यय 60 प्रतिशत घटकर 8 करोड़ रुपए रह गया।

‘बैटरी स्मार्ट’ के बढ़ते घाटे लागत दक्षता में चल रही चुनौतियों को दर्शाते हैं।

इसका रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (आरओसीई) 18.34 प्रतिशत था, और ईबीआईटीडीए मार्जिन से पहले इसकी आय -5.35 प्रतिशत थी।

ऑपरेटिंग रेवेन्यू के हर 1 रुपए के लिए, कंपनी ने 1.99 रुपए खर्च किए, जो बढ़ती मांग के बावजूद मार्जिन पर दबाव को दिखाता है।

बैटरी स्मार्ट ने मार्च 2024 तक 328 करोड़ रुपए की मौजूदा संपत्ति की रिपोर्ट की, जिसमें 107 करोड़ रुपए नकद और बैंक बैलेंस शामिल हैं, जो कुछ फाइनेंशियल बफर प्रदान करते हैं।

टाइगर ग्लोबल और ब्लूम वेंचर्स जैसे निवेशकों द्वारा समर्थित, बैटरी स्मार्ट ने अब तक लगभग 192 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।

कंपनी के सह-संस्थापक, पुलकित खुराना और सिद्धार्थ सिक्का, दोनों के पास कुल मिलाकर 28.5 प्रतिशत इक्विटी है।

कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि दोपहिया और तिपहिया वाहनों पर इसका ध्यान इसे बढ़त देता है, खासकर तिपहिया सेगमेंट में जहां बैटरी स्वैपिंग पारंपरिक चार्जिंग की तुलना में अधिक कुशल साबित हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है, “फिर भी, कंपनी को बड़े वाहन निर्माताओं से जोखिम का सामना करना पड़ रहा है, जो मालिकाना बैटरी पसंद कर सकते हैं या अपने स्वयं के नेटवर्क बना सकते हैं।”

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम


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