पीएम ई-ड्राइव योजना को बढ़ावा दे रहा केंद्र, अधिक से अधिक बनाए जाएंगे ईवी चार्जिंग स्टेशन

नई दिल्ली, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्र को पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए 14 राज्यों से इनपुट मिले हैं। इस अभियान का उद्देश्य ग्रीन व्हीकल अडॉप्शन को प्रोत्साहित करने के लिए डेंस यातायात वाले राजमार्गों और प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक व्हीकल पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों की संख्या को दोगुना कर 72,300 करना है।
भारी उद्योग मंत्रालय ने 10,900 करोड़ के परिव्यय के साथ यह योजना शुरू की है, जिसमें से 2,000 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए निर्धारित किए गए हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस योजना ने वित्त वर्ष 2026 के अंत तक 28.8 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को सपोर्ट करने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने पुष्टि की कि हाई ट्रैफिक डेंसिटी वाले पॉइंट में बंदरगाहों और हवाई अड्डों को भी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए लोकेशन के रूप में देखा जा रहा है।
इसके अलावा, मंत्रालय राजमार्गों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए ऑप्टिमल पॉइंट्स पर चर्चा कर रहा है, खासकर ई-बसों के लिए।
प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के अभियान के तहत 14,000 से अधिक ई-बसों को सेवा प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया था।
यह योजना इलेक्ट्रिक बसों के अधिग्रहण, चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क की स्थापना और भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) की परीक्षण सुविधाओं को अपग्रेड करने के लिए अनुदान प्रदान करती है।
इस योजना के तहत शहर की सीमा के भीतर ई-3 व्हीलर जैसे वाणिज्यिक वाहनों को प्राथमिकता दी जा रही है और वित्त वर्ष 2026 के अंत तक सड़कों पर ऐसे 2.05 लाख वाहनों को लाने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक नए निजी वाहनों के पंजीकरण में ईवी का हिस्सा 30 प्रतिशत हो, जिसके लिए ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में शानदार वृद्धि की जरूरत है।
अधिकारी ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य एक मजबूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की सुविधा प्रदान कर संभावित ईवी खरीदारों के बीच “रेंज एंग्जाइटी” को दूर करना है।
दिल्ली-आगरा (यमुना एक्सप्रेसवे), दिल्ली-जयपुर (एनएच-48) और चेन्नई-त्रिची (एनएच-179बी) मार्गों सहित प्रमुख राजमार्गों पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएचईवी) पायलट परियोजना जैसी पहल शामिल हैं, जो इन राजमार्गों को अपग्रेड करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
विद्युत मंत्रालय ने विद्युतीकरण के लिए 12 नेशनल कॉरिडोर का प्रस्ताव दिया है, जिनमें एनएचईवी पायलट परियोजना में इस्तेमाल किए गए कॉरिडोर भी शामिल हैं।
–आईएएनएस
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