ईएसटीआईसी एक अनोखा इवेंट, रिसर्च को आगे बढ़ाने में मिलेगी मदद : वरिष्ठ सरकारी अधिकारी


नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। इमर्जिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी इनोवेशन कॉन्क्लेव (ईएसटीआईसी) 2025 एक अनोख इवेंट है। इससे देश को रिसर्च बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से सोमवार को दी गई।

कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई) के सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक (डीजी) डॉ. मांगी लाल जाट ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर है। ईएसटीआईसी 2025 एक अनोख इवेंट है।

उन्होंने आगे कहा कि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कृषि से जुड़े लोगों को दो चीजों पर फोकस करने को कहा है। पहला- कुपोषण, जो हमारी प्राथमिकता भी है और इससे निपटने के लिए फोर्टिफाइड फूड पर फोकस करने की आवश्यकता है। दूसरा- मिट्टी की सेहत है, जिसके लिए बायो फर्टिलाइजर पर जोर देने के आवश्यकता है। इन चीजों में डिजिटल इनोवेशन काफी मदद कर सकता है।

कार्यक्रम में शामिल अन्य लोगों ने कहा कि भारत काफी तेजी से तरक्की कर रहा है। पहले हम फॉलो करते थे, लेकिन हम अब धीरे-धीरे लीडर की भूमिका में आ रहे हैं। वैक्सीन और स्पेस इसका एक अच्छा उदाहरण है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार तेजी से रिसर्च और डेवलपमेंट में निवेश बढ़ा रही है और इसका असर भी दिखाई देने लगा है और नई टेक्नोलॉजी को देश तेजी से अपना रहा है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में ईएसटीआईसी 2025 का उद्घाटन किया। इस इवेंट के दौरान, उन्होंने एक लाख करोड़ रुपए के रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (आरडीआई) फंड को लॉन्च किया है।

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, “साइंस में बदलाव की रफ्तार अब लीनियर नहीं बल्कि एक्सपोनेंशियल है। हमारी सरकार ने रिसर्च और डेवलपमेंट में नए मौकों के लिए एक लाख करोड़ रुपए के आरडीआई फंड को लॉन्च किया है। हमारा मकसद सिर्फ सरकारी संस्थानों में ही नहीं, बल्कि प्राइवेट सेक्टर में भी इनोवेशन को बढ़ावा देना है। एक मॉडर्न इनोवेशन इकोसिस्टम बनाने के लिए, हम ‘रिसर्च करने में आसानी’ पर जोर दे रहे हैं। इस दिशा में, हमारी सरकार ने साइंटिफिक ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए पहले ही फाइनेंशियल नियमों और खरीद नीतियों में सुधार किए हैं।”

–आईएएनएस

एबीएस/


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