मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने 2006 के फर्जी मुठभेड़ मामले में बांबे हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बांबे हाई कोर्ट ने उन्हें मामले में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। शर्मा ने गत 21 मार्च को अधिवक्ता देविना सहगल के माध्यम से विशेष अनुमति याचिका दाखिल की।
कोर्ट ने सुनाई थी उम्र कैद की सजा
गत 19 मार्च को हाई कोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेर और जस्टिस गौरी गोडसे की खंडपीठ ने शर्मा को गैंगस्टर छोटा राजन के सहयोगी रामनारायण गुप्ता के फर्जी मुठभेड़ में दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि अभियोजन पक्ष ने साबित किया है कि गुप्ता को पुलिस ने मार दिया और इसे वास्तविक मुठभेड़ की तरह दिखाया गया।
सत्र न्यायालय के 2013 के फैसले को HC ने किया था रद्द
हाई कोर्ट ने सुबूतों के अभाव में शर्मा को बरी किए जाने के सत्र न्यायालय के 2013 के फैसले को रद्द कर दिया था। गत 11 नवंबर 2006 को पुलिस टीम ने नवी मुंबई के वाशी इलाके से रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया को उसके दोस्त अनिल भेड़ा के साथ उठाया था और उसी शाम पश्चिमी मुंबई के वर्सोवा के पास उसे मार डाला था।