पुर्तगाल के राष्ट्रपति से मिलीं द्रौपदी मुर्मू, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर


नई दिल्ली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल की राजकीय यात्रा हैं। इस दौरान सोमवार को उन्होंने पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के साथ व्यापक चर्चा की। राष्ट्रपति मुर्मू ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी। बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-पुर्तगाल संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की।

राष्ट्रपति मुर्मू के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के साथ व्यापक चर्चा की। दोनों नेताओं ने भारत-पुर्तगाल संबंधों के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ साझा हितों के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।”

उन्होंने आगे लिखा, “दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि द्विपक्षीय संबंध बहुपक्षीय स्तर सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर आपसी विश्वास, समझ और सहयोग पर आधारित हैं। उन्होंने व्यापार और निवेश, आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा और कनेक्टिविटी सहित कई क्षेत्रों में लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।”

बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल और स्लोवाकिया की अपनी दो देशों की राजकीय यात्रा के पहले चरण में रविवार को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन के लिए रवाना हुईं थीं। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना है।

किसी भारतीय राष्ट्रपति की पुर्तगाल यात्रा 27 वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है। यह ऐसे समय हो रही है जब भारत और पुर्तगाल राजनयिक संबंधों की पुनः स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।

भारत और पुर्तगाल के बीच ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं, जो पिछले कुछ वर्षों में आधुनिक और गतिशील साझेदारी में बदल गए हैं। यह यात्रा पुर्तगाल के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को और गति प्रदान करेगी।

इसके अलावा, स्लोवाकिया में राष्ट्रपति मुर्मू देश के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी और प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगी। भारत के किसी राष्ट्रपति की 29 साल में यह पहली स्लोवाकिया यात्रा होगी।

राष्ट्रपति की यह राजकीय यात्रा भारत, पुर्तगाल और स्लोवाकिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत और व्यापक बनाने का अवसर प्रदान करेगी और भारत-यूरोपीय संघ के संबंधों को भी मजबूत करेगी।

–आईएएनएस

पीएसके/सीबीटी


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