बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने शुरू की हितधारकों के साथ बातचीत


ढाका, 28 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में अगले साल होने वाले अगले आम चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने रविवार को विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत का एक सिलसिला शुरू कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नासिर उद्दीन की अध्यक्षता में नागरिक समाज के सदस्यों के साथ चुनाव पर चर्चा हुई।

यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश की रिपोर्ट के अनुसार यह बातचीत ढाका के अगरगांव इलाके में स्थित निर्वाचन भवन में स्थानीय समयानुसार 10:40 बजे शुरू हुई।

इस बैठक में चुनाव आयुक्त अब्दुर रहमानेल मसूद, तहमीदा अहमद, मोहम्मद अनवारुल इस्लाम सरकार और ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) अब्दुल फजल मोहम्मद सनाउल्लाह और चुनाव आयोग के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद शामिल हुए।

चुनाव आयोग मशहूर शिक्षाविदों और प्रोफेसरों के साथ भी बातचीत करेगा। हितधारकों के साथ बातचीत का सीधा प्रसारण चुनाव आयोग के यूट्यूब चैनल और उसके आधिकारिक फेसबुक पेज पर किया जा रहा है।

अगस्त में आयोग ने घोषणा की थी कि राजनीतिक दलों, मीडियाकर्मियों, नागरिक समाज के सदस्यों, पर्यवेक्षकों, चुनाव विशेषज्ञों और जुलाई आंदोलन के कार्यकर्ताओं सहित हितधारकों के साथ बातचीत सितंबर के आखिरी सप्ताह में शुरू होगी और डेढ़ महीने के भीतर समाप्त हो जाएगी।

शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि देश के मौजूदा हालात में चुनाव आयोग को काम करने में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

ढाका के निर्वाचन भवन में चुनाव अधिकारियों के सम्मेलन-2025 को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अगले साल होने वाले आम चुनावों की तैयारी और विभिन्न मांगों को पूरा करने के दौरान चुनाव आयोग को कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

बांग्लादेश के प्रमुख बंगाली दैनिक प्रथम अलो ने मुख्य चुनाव आयुक्त के हवाले से कहा, “बांग्लादेश में काम करना बहुत मुश्किल है। खासकर देश जिस स्थिति से गुजर रहा है, उसमें काम करवाना कुछ लोगों के लिए बहुत सुविधाजनक, लेकिन ज्यादातर लोगों के लिए मुश्किल भरा है। देश अब इसी स्थिति में है।”

हालांकि नासिर उद्दीन ने आश्वासन दिया कि चुनाव आयोग अपने अधिकारियों को न तो गैरकानूनी निर्देश जारी करेगा और न ही उन्हें फरवरी 2026 के चुनावों में किसी भी पार्टी का पक्ष लेने के लिए कहेगा।

बता दें, अगले आम चुनावों से पहले बांग्लादेश अनिश्चितता और राजनीतिक संघर्षों की चपेट में है। दरअसल, जिन राजनीतिक दलों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए अंतरिम मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के साथ मिलकर काम किया था, अब वे सुधार प्रस्तावों को लेकर आपस में ही भिड़ गए हैं।

— आईएएनएस

कनक/वीसी


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