सिक्किम में ड्राइवर्स काउंसिल ने एनएच-10 की मरम्मत में देरी पर जताई चिंता


गंगटोक, 16 अक्‍टूबर (आईएएनएस)। सिटीजन एक्शन पार्टी (सिक्किम) की ड्राइवर्स काउंसिल ने गुरुवार को सिक्किम जिला न्यायालय के बाहर एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना आयोजित किया।

इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग-10 की तत्काल और स्थायी मरम्मत की मांग की गई। यह राजमार्ग सिक्किम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली जीवनरेखा माना जाता है, लेकिन इसकी जर्जर हालत और बार-बार आने वाले व्यवधानों ने राज्य में परिवहन व्यवस्था और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर गंभीर प्रभाव डाला है।

धरने के दौरान ड्राइवर्स काउंसिल के अध्यक्ष आशीष राय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह विरोध किसी संस्था या प्राधिकारी के खिलाफ नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार से एक अपील है कि वह सीधे हस्तक्षेप करे और सुनिश्चित करे कि राजमार्ग की मरम्मत प्रभावी व दीर्घकालिक हो।

उन्होंने कहा कि सिक्किम को राज्य बने 50 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन आज तक राष्ट्रीय राजमार्ग का एक भी हिस्सा स्थायी रूप से अच्छी स्थिति में नहीं रहा है। हमारे पास मैदानी इलाकों से जुड़ने का केवल एक ही मार्ग है और वह अक्सर टूट जाता है। हम समझते हैं कि 2023 में आई आपदा ने भारी नुकसान पहुंचाया था, लेकिन इतने लंबे समय के बाद भी सड़क की स्थिति नहीं सुधरी है।

राय ने बताया कि राजमार्ग के बार-बार बंद होने से सैकड़ों ट्रक फंसे हुए हैं, जिससे राज्य में चावल, सब्जियों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है। दीपावली नजदीक आने के साथ सब्जियों और जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं क्योंकि वाहन बीच रास्ते में फंसे हुए हैं। एनएचआईडीसीएल पिछले एक साल से मरम्मत कार्य कर रहा है, लेकिन परिणाम बेहद निराशाजनक हैं। करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद सड़क कुछ ही दिनों में फिर से खराब हो जाती है। हमारी बस यही मांग है कि केंद्र सरकार सीधे इस कार्य की निगरानी करे और एक स्थायी समाधान निकाले।”

धरने में शामिल प्रदर्शनकारियों ने एनएच-10 के सामरिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सिक्किम की सीमाएं चीन, नेपाल और भूटान से लगती हैं, ऐसे में यह राजमार्ग केवल परिवहन का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। अगर सीमा पर कोई आपात स्थिति उत्पन्न होती है तो सबसे पहले हमारी कनेक्टिविटी प्रभावित होगी। इस राजमार्ग की दुरुस्ती और रखरखाव सिर्फ विकास का मुद्दा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की अनिवार्यता है।

–आईएएनएस

एएसएच/एबीएम


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