सीमा पार आतंकवाद की चुनौतियों पर डेनमार्क में चर्चा : गुलाम अली खटाना


कोपेनहेगन, 31 मई (आईएएनएस)। भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने शनिवार को कहा कि डेनमार्क में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने डेनिश नेताओं के साथ सार्थक बातचीत की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत रुख को पेश किया और वैश्विक आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए एकजुटता पर जोर दिया।

जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रवक्ता गुलाम अली खटाना भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। इन नेताओं ने फ्रांस और इटली में भारत का रुख स्पष्ट किया और अब डेनमार्क में हैं, जहां वे आतंकवाद और इसके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भारत के अटल रुख को पेश कर रहे हैं।

गुलाम अली खटाना ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “डेनमार्क की यात्रा के दौरान रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। हमने डेनिश संसद के उपाध्यक्ष लार्स-क्रिश्चियन ब्रास्क से मुलाकात की और उन्हें पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत की दृढ़ प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दी। आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख और आतंकवाद से निपटने के लिए एक एकीकृत वैश्विक लड़ाई की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया।”

प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व अधिकारियों, मंत्रियों, संसद सदस्यों और राजनयिकों के एक समूह से भी मुलाकात की, जो डेनमार्क और विदेशों में प्रभावशाली आवाज रखते हैं।

खटाना ने एक अन्य पोस्ट में कहा, “हमने चुनिंदा पूर्व सांसदों, पूर्व मंत्रियों और एक पूर्व राजनयिक के साथ गहन चर्चा की, जिसमें भारत के समक्ष सीमापार आतंकवाद से उत्पन्न गंभीर चुनौतियों, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया और शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले व्यापक वैश्विक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।”

नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में रविशंकर प्रसाद (भाजपा), दग्गुबाती पुरंदेश्वरी (भाजपा), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना-यूबीटी), गुलाम अली खटाना (भाजपा), अमर सिंह (कांग्रेस), समिक भट्टाचार्य (भाजपा), एम. थंबीदुरई (एआईएडीएमके), पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर और पूर्व राजदूत पंकज सरन शामिल हैं।

कोपेनहेगन स्थित भारतीय दूतावास की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की भारत द्वारा कड़ी निंदा तथा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के रूप में की गई दृढ़ कार्रवाई ही भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा डेनमार्क पक्ष को दी गई जानकारी का केंद्रबिंदु थी। इसमें स्पष्ट किया गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत की अपेक्षित प्रतिक्रिया कूटनीतिक रूप से मापी गई तथा समतुल्य थी।”

बयान में कहा गया, “प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति पर जोर दिया तथा कहा कि हिंसा के किसी भी कृत्य का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करने में डेनमार्क के सार्वजनिक रुख की भारत ने सराहना की तथा बैठकों के दौरान भारत के साथ एकजुटता की अभिव्यक्ति से डेनमार्क को अवगत कराया गया।”

इसके अलावा, प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय भारतीय समुदाय से भी बातचीत की तथा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता तथा आतंकवाद के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई में भारत के दृढ़ संकल्प पर जोर दिया।

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे


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