मस्तिष्क कोशिका की खोज से प्रजनन उपचार की उम्‍मीद जगी

मस्तिष्क कोशिका की खोज से प्रजनन उपचार की उम्‍मीद जगी

टोक्यो, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। जापानी शोधकर्ताओं ने प्रदर्शित किया है कि कैसे मस्तिष्क में एक विशेष प्रकार का न्यूरॉन उन हार्मोनों की रिहाई को प्रभावित करता है, जो डिम्बग्रंथि समारोह को नियंत्रित करते हैं, जैसे कि महिलाओं में कूपिक विकास और ओव्यूलेशन।

साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित ये निष्कर्ष शोधकर्ताओं को जानवरों और मनुष्यों में प्रजनन संबंधी विकारों को समझने और उनका इलाज करने में मदद कर सकते हैं।

मस्तिष्क में किसपेप्टिन न्यूरॉन्स हाइपोथैलेमिक गोनाडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन (जीएनआरएच) और पिट्यूटरी कूप-उत्तेजक हार्मोन/ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) की रिहाई को नियंत्रित करते हैं।

यह प्रक्रिया प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिट्यूटरी हार्मोन अंडाशय को उनके प्रजनन कार्य करने के लिए उत्तेजित करते हैं।

उदाहरणों में मनुष्यों सहित सभी स्तनधारियों में कूपिक विकास और ओव्यूलेशन शामिल हैं।

इस प्रक्रिया में मस्तिष्क के दो मुख्य क्षेत्र शामिल होते हैं – आर्कुएट न्यूक्लियस (एआरसी), जिसमें किसपेप्टिन न्यूरॉन्स जीएनआरएच/एलएच के नियमित लयबद्ध (स्पंदनात्मक) स्राव को बनाए रखते हैं जो सामान्य कूपिक विकास और सेक्स स्टेरॉयड उत्पादन को बनाए रखता है, और एंटेरोवेंट्रल पेरिवेंट्रिकुलर न्यूक्लियस (एवीपीवी), जिसमें किसपेप्टिन न्यूरॉन्स जीएनआरएच/एलएच की वृद्धि को ट्रिगर करते हैं, जिससे ओव्यूलेशन होता है। शोधकर्ताओं ने इस तथ्य पर ध्यान केंद्रित किया कि एआरसी में किसपेप्टिन न्यूरॉन्स एक निरोधात्मक पदार्थ डायनोर्फिन का उत्पादन और प्रतिक्रिया करते हैं।

जापान के नागोया विश्‍वविद्यालय में पोस्टडॉक्टरल फेलो मायुको नागाए और एसोसिएट प्रोफेसर योशीहिसा यूनोयामा ने कहा, “एआरसी में किसपेप्टिन न्यूरॉन्स डायनोर्फिन और उसके रिसेप्टर दोनों को व्यक्त करते हैं, जबकि एवीपीवी में वे केवल रिसेप्टर को व्यक्त करते हैं, जो निषेचन में ऐसे किसपेप्टिन न्यूरॉन्स की एक विशेष भूमिका का सुझाव देते हैं।”

उन्‍होंने कहा, “हालांकि, किसपेप्टिन न्यूरॉन्स के नियमन में डायनोर्फिन और इसके रिसेप्टर की सटीक भूमिका स्पष्ट रूप से समझ में नहीं आई थी।”

इसकी जांच करने के लिए शोधकर्ताओं ने आनुवंशिक रूप से मादा चूहों को किस1 को हटाने के लिए संशोधित किया। किस1 एक जीन है जो किसपेप्टिन के लिए कोड करता है, केवल उन न्यूरॉन्स में जो डायनोर्फिन रिसेप्टर को व्यक्त करते हैं।

उन्होंने पाया कि डायनोर्फिन रिसेप्टर-व्यक्त करने वाली कोशिकाओं में हटाए गए किस1 के साथ आनुवंशिक रूप से संशोधित चूहों में एआरसी में केवल 3 किसपेप्टिन न्यूरॉन्स थे और एवीपीवी में 50 प्रतिशत थे। चूहे का एस्ट्रस चक्र लंबा था, डिम्बग्रंथि का वजन कम था।

नतीजे बताते हैं कि डायनोर्फिन रिसेप्टर्स वाले किसपेप्टिन न्यूरॉन्स सामान्य मादा चूहे के प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे उचित हार्मोन स्राव और ओव्यूलेशन करने में सक्षम हैं।

नागोया विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर हिरोको त्सुकामुरा ने कहा, “यह दिखाने वाली पहली रिपोर्ट है कि डायनोर्फिन का प्रत्यक्ष इनपुट प्राप्त करने वाले किसपेप्टिन न्यूरॉन्स को जीएनआरएच/एलएच पल्स और मादा चूहों में वृद्धि को पूरी तरह से उत्पन्न करने की जरूरत होती है।”

प्रोफेसर त्सुकामुरा किसपेप्टिन न्यूरोनल गतिविधि को नियंत्रित करने वाले आणविक तंत्र को समझने के लिए और अधिक अध्ययन की संभावना से उत्साहित हैं।

उन्होंने कहा, “हमारे निष्कर्ष प्रजनन के अंतर्निहित केंद्रीय तंत्र की हमारी समझ में मदद कर सकते हैं और पशुओं में डिम्बग्रंथि विकारों और मनुष्यों में बांझपन के उपचार में अनुप्रयोग कर सकते हैं।”

–आईएएनएस

एसजीके

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