वाशिंगटन, 23 जुलाई, (आईएएनएस)। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले को लेकर अमेरिकी संसद में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से कड़ी आलोचना झेलने के एक दिन बाद अमेरिकी खुफिया सेवा की निदेशक किम्बर्ली चीटल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।
ट्रंप पर गत 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान गोली चली थी जिसमें वह बाल-बाल बच गये थे। गोली उनके कान को छूकर निकल गई थी। हालांकि खुफिया सेवा के सदस्य तुरंत हरकत में आ गये और हमलावर को मौके पर ही मार गिराया।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीटल को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद देते हुए एक बयान में कहा, “अमेरिका की खुफिया सेवा में अपने पूरे करियर के दौरान वह हमारे देश की रक्षा के लिए निःस्वार्थ रूप से समर्पित रहीं और अपनी जान जोखिम में डाली। हम विशेष रूप से हमारे प्रशासन के दौरान खुफिया सेवा का नेतृत्व स्वीकार करने के लिए उनका धन्यवाद करते हैं और हम अपने परिवार के प्रति उनकी सेवा के लिए उनके आभारी हैं।”
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि 13 जुलाई को जो कुछ हुआ उसकी तह तक जाने के लिए स्वतंत्र समीक्षा जारी है। उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि उस दिन जो हुआ वह फिर कभी नहीं हो सकता। …मैं किम को शुभकामनाएं देता हूं, और मैं जल्द ही एक नया निदेशक नियुक्त करने की योजना बनाऊंगा।”
अमेरिकी कांग्रेस में सोमवार को सुनवाई के दौरान सांसदों को इस बात से निराशा हुई कि चीटल ने गोलीबारी के बारे में उनके कई सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया, जिसमें यह भी शामिल था कि बंदूकधारी पूर्व राष्ट्रपति को निशाना बनाने के लिए छत पर कैसे पहुंचा।
द्विदलीय व्यवस्था वाली अमेरिकी संसद में अद्भुत रूप से दोनों दलों ने मिलकर चीटल को हटाने की मांग की। निगरानी और जवाबदेही पर समिति के प्रमुख रिपब्लिकन जेम्स कोमार और डेमोक्रेटिक रैंकिंग सदस्य जेमी रस्किन ने सुनवाई के बाद एक संयुक्त पत्र में उन्हें हटाने की मांग की।
उन्होंने पत्र में लिखा, “आज, आप उस चौंकाने वाली परिचालन विफलता के बारे में बुनियादी सवालों के जवाब देने और अमेरिकी लोगों को आश्वस्त करने में विफल रहीं कि खुफिया सेवा ने अपने सबक सीख लिए हैं और अपनी प्रणालीगत गलतियों तथा विफलताओं को ठीक करना शुरू कर दिया है। हम आपसे निदेशक के पद से इस्तीफा देने का आह्वान करते हैं ताकि नए नेतृत्व को इस संकट का तेजी से समाधान करने और वास्तव में चिंतित कांग्रेस और अमेरिकी लोगों के विश्वास को फिर से बनाने की अनुमति मिल सके।”
–आईएएनएस
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