पहले भी बदले गए आक्रांताओं के नाम पर बने स्थानों के नाम : दिनेश शर्मा

लखनऊ, 7 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली में भाजपा सांसदों द्वारा नेम प्लेट पर सड़क का नाम ‘तुगलक लेन’ की जगह ‘विवेकानंद मार्ग’ किए जाने पर राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों की मांग रही है कि आक्रांताओं के नाम पर बने स्थानों के नाम को लेकर बदलाव पहले भी किया जा चुका है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “नेम प्लेट कंट्रोवर्सी कुछ नहीं है। अब अगर कोई गूगल पर सर्च करेगा तो उन्हें मेरे घर के एड्रेस का नाम विवेकानंद रोड दिखाई देगा। मैंने एक दिन पहले ही घर में प्रवेश किया और मुझसे पूछा गया कि नेम प्लेट में क्या लिखा जाए तो मैंने इतना ही कहा कि, जो भी आस पास नाम लिखा हो, वही नाम नेम प्लेट पर लिखा जाए। मेरे घर के आवास के पास मौजूद दूसरे आवासों पर विवेकानंद मार्ग लिखा है और उसके नीचे तुगलक लेन लिखा है।”
भाजपा के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, “कई लोगों ने पहले ही मांग की है कि आक्रांताओं के नाम पर बने स्थानों के नाम बदले जाएं और ऐसे कई बदलाव पहले भी किए जा चुके हैं। उदाहरण के लिए अब्दुल कलाम रोड का नाम बदला गया, जो एक सकारात्मक कदम था। हालांकि, इसे हिंदू-मुस्लिम मुद्दे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। अंबेडकर, अब्दुल कलाम, विक्रम साराभाई, उस्मान, अब्दुल हमीद और अशफाकउल्ला खान जैसी कई महान हस्तियां हैं, जिनके नाम पर कई सड़कों के नाम हैं और लोग उन्हें गर्व और सम्मान के साथ देखते हैं।”
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के होली विवाद पर दिनेश शर्मा ने कहा, “यह एक स्वायत्त निकाय है और शैक्षणिक संस्थानों में प्रथा यह है कि अगर किसी धर्म को कोई कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी जाती है, तो अन्य धर्मों को भी उनके त्योहारों के लिए समान अवसर दिया जाना चाहिए। इस बात में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए कि एक को अनुमति दी जाए और दूसरे को नहीं। होली, रमजान और ईद जैसे त्योहारों को सकारात्मक और समावेशी माहौल में मनाया जाना चाहिए, जिससे सभी एक साथ आ सकें।”
उन्होंने महाकुंभ को लेकर कहा, “महाकुंभ की सफलता ने बहुत सारे दलों के उस भ्रम को तोड़ दिया है, जो जाति के आधार पर सनातन को खंड-खंड करना चाहते थे। विपक्ष के नेताओं को महाकुंभ में कोई अव्यवस्था दिखी नहीं और जो लोग कहते थे कि महाकुंभ में जनता नहीं आ रही है, मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया है।”
–आईएएनएस
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