भारत के खिलाफ जाना बांग्लादेश के लिए सही नहीं: दिलीप घोष

कोलकाता, 18 मई (आईएएनएस)। बांग्लादेश से आने वाले चुनिंदा सामानों पर भारत द्वारा लगाए गए कड़े व्यापार प्रतिबंधों के बीच, भाजपा नेता दिलीप घोष ने रविवार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भारत पर निर्भर देशों को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए अन्यथा “यह उनके लिए अच्छा साबित नहीं होगा।”
मीडिया से बातचीत के दौरान घोष ने कहा, “हम पाकिस्तान के साथ सख्ती से पेश आ सकते हैं और जब बांग्लादेश की बात आती है, जो चारों ओर हमसे (भारत) घिरा हुआ है, तो हम उन्हें पानी से लेकर हवा, व्यापार और वाणिज्य तक सब कुछ मुहैया कराते हैं। बांग्लादेश को यह समझ लेना चाहिए कि भारत के खिलाफ जाना उनके लिए अच्छा साबित नहीं होगा।”
घोष का यह बयान भारत की ओर से आयात नियमों को सख्त करने के हालिया कदम के जवाब में आया है। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, बांग्लादेश से तैयार कपड़ों के आयात की अनुमति अब केवल न्हावा शेवा और कोलकाता के बंदरगाहों के माध्यम से दी जाएगी, जिससे भूमि बंदरगाहों के माध्यम से ऐसे आयात पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लग जाएगा।
भारत के सीमा पार हमलों के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान का समर्थन करते हुए घोष ने कहा, “गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार कहा था कि भारत ने कड़ी जवाबी कार्रवाई की है, हालांकि उस समय लोगों को इस पर विश्वास नहीं हुआ। आज, सभी सबूत और दस्तावेज सामने आ रहे हैं जो दिखा रहे हैं कि वास्तव में क्या हुआ था और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी शिविरों को कैसे नष्ट किया गया था। जिस तरह से हमने जवाबी कार्रवाई की, वह काफी स्पष्ट है और यह एक मजबूत प्रतिक्रिया थी।”
अमित शाह ने हाल ही में कहा कि आजादी के बाद पहली बार भारतीय सेना आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के लिए पाकिस्तान में 100 किलोमीटर अंदर तक घुसी।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अरुणाचल प्रदेश में क्षेत्रों का नाम बदलने के बीजिंग के दावों को घोष ने खारिज कर दिया और कहा कि भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता को लेकर सजग है।
घोष ने जोर देते हुए कहा, “वहां हमेशा से ही कुछ मुद्दे रहे हैं, लेकिन उनमें से कई का समाधान हो चुका है। हमारे मंत्री, यहां तक कि प्रधानमंत्री भी उन क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। चीन क्या कहता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जमीन हमारी है और हमारे नियंत्रण में है। पहले भी कश्मीर के नक्शे को लेकर इसी तरह के विवाद हुए थे। भारत अपनी सीमाओं और जमीन की रक्षा करता रहेगा।”
–आईएएनएस
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