प्रियंका गांधी की 'एनईपी' और 'पीएम श्री स्कूल' पर टिप्पणी को बताया 'अज्ञानता और राजनीतिक अवसरवाद': धर्मेंद्र प्रधान


नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने प्रियंका की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और पीएम श्री स्कूल पहल पर की गई टिप्पणियों को ‘अज्ञानता और राजनीतिक अवसरवाद’ का स्पष्ट प्रदर्शन बताया।

धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान न केवल तथ्यों को तोड़-मरोड़ते हैं, बल्कि लाखों शिक्षकों, छात्रों और शिक्षाविदों के सामूहिक प्रयासों का अपमान भी करते हैं, जिन्होंने इन ऐतिहासिक सुधारों को आकार दिया।”

उन्होंने बताया, “भारत 30 वर्षों से ऐसे शिक्षा सुधारों की प्रतीक्षा कर रहा था जो युवाओं को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करें। एनईपी 2020 वैश्विक ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक स्वर्गीय प्रो. के. कस्तूरीरंगन के मार्गदर्शन में तैयार की गई सबसे समावेशी नीति है। इसमें देश भर के लाखों हितधारकों ने भाग लिया। नीति भारत की सभ्यतागत विरासत में निहित है और समावेशिता, समानता, गुणवत्ता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर जोर देती है।”

पीएम श्री स्कूलों को प्रधान ने इस विजन का ‘जीवंत प्रतीक’ बताया। ये स्कूल स्मार्ट क्लासरूम, अटल टिंकरिंग लैब, डिजिटल-अनुभवात्मक शिक्षा, पुस्तकालय, पर्यावरण-अनुकूल परिसर, कौशल केंद्र और समावेशी स्थानों से लैस हैं। ये कला, संस्कृति, खेल और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हैं, रचनात्मकता और चरित्र निर्माण करते हैं। प्रधान ने कहा कि ये स्कूल आधुनिकता को नैतिकता, तकनीक को परंपरा और नवाचार को समावेशिता से जोड़ते हैं।

प्रधान ने प्रियंका पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसी दूरदर्शी पहलों का विरोध नीति की आलोचना नहीं, बल्कि ‘उस भारत के विचार के खिलाफ खड़ा होना’ है, जिसे अब पुराने राजनीतिक राजवंशों की मुहर की जरूरत नहीं। उन्होंने बेचैनी का कारण बताया कि दशकों तक शिक्षा को राजनीतिक बयानबाजी और उपेक्षा का शिकार बनाया गया। अब सुधार लागू हो रहे हैं तो कुछ लोग सफलता स्वीकार करने के बजाय नाराजगी जता रहे हैं।

धर्मेंद्र प्रधान ने अंत में कहा, “यदि बच्चों को नवाचार, आलोचनात्मक सोच और भारत की विरासत पर गर्व सिखाना ‘वैचारिक’ है, तो हां, यह विचारधारा राष्ट्र निर्माण है।” उनकी पोस्ट को हजारों लाइक्स और रीपोस्ट मिले, जिसमें भाजपा समर्थकों ने इसे ‘करारा जवाब’ बताया।

बता दें कि यह विवाद प्रियंका गांधी के एक कार्यक्रम में एनईपी और पीएम श्री स्कूलों पर सवाल उठाने के बाद शुरू हुआ। प्रियंका ने इन्हें ‘वैचारिक थोपने’ और ‘समान शिक्षा से दूर ले जाने’ वाला बताया था।

–आईएएनएस

एससीएच/डीकेपी


Show More
Back to top button