डीएफएस अभियान : एक महीने में लगभग 6.6 लाख नए प्रधानमंत्री जन धन योजना खाते खुले


नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)। वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, केवल एक महीने में लगभग 6.6 लाख नए प्रधानमंत्री जन धन योजना खाते खोले गए और तीन जन सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत 22 लाख से अधिक नए नामांकन हुए।

1 जुलाई से 30 सितंबर, 2025 तक लागू किया जा रहा राष्ट्रव्यापी वित्तीय जागरूकता अभियान अपने पहले महीने में ही एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर चुका है।

वित्त मंत्रालय का वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में व्यापक कवरेज प्राप्त करने की प्रतिबद्धता के साथ इस पहल को आगे बढ़ा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक पात्र नागरिक इन परिवर्तनकारी योजनाओं का लाभ उठा सके।

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रमुख योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) का लाभ लगभग 2.70 लाख ग्राम पंचायतों (जीपी) और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के प्रत्येक पात्र नागरिक तक पहुंचे।

पहले महीने के भीतर, इन शिविरों ने सामुदायिक जुड़ाव, नामांकन, अपडेट और जागरूकता प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण संपर्क बिंदु के रूप में कार्य किया है।

मंत्रालय ने बताया कि पहले महीने में विभिन्न जिलों में कुल 99,753 शिविर आयोजित किए गए हैं और 80,462 शिविरों की प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार की गई है।

सरकार के अनुसार, “जैसे-जैसे अभियान आगे बढ़ेगा, जीपी और यूएलबी को शामिल करने और इंक्लूसिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप सामुदायिक जुड़ाव को अधिकतम करने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जाएंगे। आगामी शिविरों के बारे में लक्षित विज्ञापनों और प्रचार के माध्यम से, लोगों को इन केंद्रों पर आने और योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।”

सरकार बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं तक अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो कार्यान्वयन के प्रत्येक स्तर पर हितधारकों की सक्रिय और सार्थक भागीदारी पर आधारित है।

भारत में 55.44 करोड़ जन धन खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें से 56 प्रतिशत महिलाओं के हैं और इस वर्ष 21 मई तक इन जमाओं की कुल राशि 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गई है।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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