रामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन राममंदिर के दूसरे तल पर श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे। तीन मंजिला राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा। भूतल में रामलला की स्थापना होगी। प्रथम तल पर रामदरबार की स्थापना की जाएगी। दूसरे तल को खाली रखा जाएगा। इसका उपयोग केवल अनुष्ठानों के लिए ही किया जाएगा। शेष समय इसे बंद रखा जाएगा।
राममंदिर का भूतल बनकर तैयार हो चुका है। 22 जनवरी को भूतल के भव्य गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। वहीं प्रथम तल का भी 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। तीन महीने में प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा। प्रथम तल में राम दरबार की स्थापना की जानी है। इसके लिए सिंहासन बनाने का काम शुरू हो चुका है। राम जन्मभूमि के पुजारी रोजाना सिंहासन की पूजा-अर्चना भी करने लगे हैं। प्रथम तल में श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण व हनुमान की मूर्ति स्थापित की जाएगी। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर के दूसरे तल की ऊंचाई काफी ज्यादा हो जाएगी, इसको देखते हुए दूसरे तल पर श्रद्धालुओं को नहीं जाने दिया जाएगा। यह तल पूजा-पाठ और अनुष्ठान के लिए प्रयोग किया जाएगा, बाकी समय इसे बंद रखा जाएगा।
रामलला के स्वागत में होगी आतिशबाजी, सजेंगी दुकानें
रामलला के स्वागत में जिले में जमकर आतिशबाजी हो सकेगी। आसानी से लोगों को सामग्री उपलब्ध कराने के लिए दिवाली की तर्ज पर शहर के जीआईसी में आतिशबाजी की दुकानें सजेंगी। 19 जनवरी से ही दुकानें लगाने की योजना है। इसके लिए जिला प्रशासन ने अस्थायी लाइसेंस जारी करने की कवायद शुरू की है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में अयोध्यावासी तमाम तरह से तैयारियां करने में जुटे हैं। कोई रंगोली बनाकर प्रभु का स्वागत करने की तैयारी में है तो किसी ने रंग-बिरंगी झालरों से घर को सजाकर आतिशबाजी की योजना बनाई है। रामभक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए जिला प्रशासन ने भी तैयारी की है। लोग सुलभतापूर्वक आतिशबाजी कर सकें, इसके लिए अस्थायी तौर पर दुकानें सजाई जाएंगी। सिटी मजिस्ट्रेट अरविंद द्विवेदी ने बताया कि आवेदन की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है। शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा। तीन दिन के लिए लाइसेंस देने की योजना है।
प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाएंगे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. निर्मल खत्री 22 जनवरी को नए मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाएंगे। ट्रस्ट की ओर से उन्हें भी आमंत्रित किया गया था। समारोह को लेकर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से अपनाए गए स्टैंड को देखते हुए उन्होंने यह फैसला किया है। डॉ. खत्री ने शनिवार को बताया कि 22 को तो वह समारोह में नहीं जाएंगे, लेकिन इसी महीने 22 तारीख के बाद नए मंदिर में जाकर रामलला को अपनी श्रद्धा निवेदित करेंगे। हालांकि 15 जनवरी को पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के साथ यूपी के कई वरिष्ठ नेता रामलला के दर्शन के लिए आ रहे हैं। इस दिन डॉ. खत्री शहर से बाहर होने के चलते इनके साथ नहीं जा पाएंगे। उन्होंने कहा कि रामलला आराध्य हैं। उन्हीं की नगरी का हूं, यह सौभाग्य है। जरूरी नहीं कि 22 को ही जाया जाए।