वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सस्टेनेबल और समावेशी विकास की ओर अग्रसर : नितिन परांजपे


नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस) । हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) के चेयरमैन नितिन परांजपे ने कहा है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सस्टेनेबल और समावेशी विकास की ओर तेजी से बढ़ रही है।

परांजपे ने कहा कि दुनिया भ्रम और अस्थिरता का सामना कर रही है वहीं, भारत आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कंपनी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कहा, “हम बदलते और महत्वाकांक्षी भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए क्षमताओं का निर्माण कर रहे हैं। साथ ही, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह वृद्धि पर्यावरण के अनुकूल हो।”

देश वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में देश के लगभग 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। भारत की जीडीपी पिछले 10 वर्षों में दोगुनी से अधिक हो गई है।

यह 2015 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2025 में 4.3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गई है।

भारत बहुत जल्द जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।

परांजपे ने डिजिटल स्पेस में भारत की प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि खराब फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण देश पहले तीन औद्योगिक क्रांतियों से चूक गया था, लेकिन अब चौथी औद्योगिक क्रांति के दौरान यह आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने इसका श्रेय भारत के मजबूत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को दिया।

उन्होंने कहा, “2030 तक हमारी 69 प्रतिशत आबादी कामकाजी उम्र की होगी। 29 वर्ष से कम की औसत आयु और सबसे कम निर्भरता अनुपात के साथ, भारत ह्युमन-टैलेंट का सबसे बड़ा सप्लायर बना रहेगा।”

उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव के बारे में बात करते हुए, परांजपे ने कहा कि भारतीय उपभोक्ता अब समग्र स्वास्थ्य की तलाश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उपभोक्ता नए उत्पादों, बेहतर अनुभवों की तलाश कर रहे हैं और उनकी आकांक्षाएं बढ़ रही हैं।

उन्होंने शेयरधारकों से कहा, “एक ऐसी कंपनी के रूप में जो इन उभरती जरूरतों को पूरा करती है और देश की विकास यात्रा में भागीदार है, हम एक बड़ी जिम्मेदारी निभाते हैं।”

परांजपे ने डिजिटल मार्केटिंग पर एचयूएल के बढ़ते फोकस और ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के बारे में भी बात की।

–आईएएनएस

एसकेटी/


Show More
Back to top button