तमिलनाडु : श्रीलंका की गिरफ्त से भारतीय मछुआरों की रिहाई के लिए कराईकल में प्रदर्शन तेज
चेन्नई, 15 फरवरी (आईएएनएस)। श्रीलंकाई नौसेना द्वारा मछुआरों की गिरफ्तारी के बाद उनकी रिहाई के लिए प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। इस घटना को लेकर पिछले पांच दिन से कराईकल में मछुआरों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। इस बीच, शनिवार को 500 से अधिक मछली पकड़ने वाली नावों से राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया गया है। नाविकों ने केंद्र और राज्य सरकार के विरोध में काले झंडे लहराए।
गत 27 जनवरी को तमिलनाडु के कोडियाकराई के पास स्थित कराईकल से 20 से अधिक मछुआरे एक मोटरबोट में मछली पकड़ने के लिए समुद्र में निकले थे। इसी दौरान उन्हें श्रीलंकाई नौसेना की दो गश्ती नौकाओं ने घेर लिया, जिसके बाद मछुआरे भाग गए, लेकिन एक मोटरबोट श्रीलंकाई नौसेना के हाथ लग गई। जब मछुआरे घबराकर भागने लगे तो उन पर गोली चलाई गई। इस गोलीबारी में दो मछुआरे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें सेंथामिज और बाबू शामिल थे।
बताया जा रहा है कि दोनों घायलों का जाफना के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। पता चला है कि कराईकल के सेंथामिज के पैर में गंभीर चोट भी आई है।
वहीं, कराईकल के मछुआरों को अपने साथियों की रिहाई की उम्मीद थी। लेकिन, श्रीलंकाई अदालत ने उनकी कस्टडी बढ़ाने का आदेश दिया है। साथ ही मछुआरों पर जुर्माना लगाया है।
उल्लेखनीय है कि 11 फरवरी से कराईकल जिले में मछुआरे हड़ताल पर हैं। वे श्रीलंकाई सेना द्वारा गिरफ्तार मछुआरों की रिहाई के लिए विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। मछुआरों ने बंदरगाह पर खड़ी 300 से अधिक फाइबर नावों और 500 से अधिक पावरबोटों से राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया है। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज की जगह नावों पर काले झंडे फहराए हैं।
उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि वे आने वाले दिनों में सड़क जाम और रेल रोके जैसे उपाय भी अपनाएंगे। इस प्रदर्शन में नगई मयिलादुथुराई के मछुआरे भी हिस्सा लेंगे।
इससे पहले श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार मछुआरों के परिजनों ने पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने भी उन्हें हर प्रकार की मदद का भरोसा दिलाया है।
श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के 13 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया था। श्रीलंका ने आरोप लगाया था कि मछुआरे उसकी समुद्री सीमा में अवैध रूप से घुस गए थे।
–आईएएनएस
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