दिल्ली पुलिस ने डेबिट कार्ड स्वैपिंग के फरार अपराधी को दबोचा, 21 मामलों में था शामिल


नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की ईआर-2 टीम ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए डेबिट कार्ड स्वैपिंग फ्रॉड में शामिल एक फरार अपराधी को गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान कादिर उर्फ कादिर पुत्र नूर मोहम्मद के रूप में हुई, जो गाजियाबाद का रहने वाला है। आरोपी 2017 से फरार चल रहा था और 10 अप्रैल 2019 को अदालत द्वारा प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित किया गया था।

जानकारी के अनुसार, क्राइम ब्रांच की ईआर-2 यूनिट को विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सक्रिय वांछित अपराधियों पर नज़र रखने के निर्देश दिए गए थे। रिकॉर्ड खंगालने के दौरान पता चला कि क़ादिर नाम का आरोपी, जो भजनपुरा थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 84/2017, धारा 420/34 आईपीसी के मामले में वांछित था, अब तक गिरफ्तारी से बचता रहा है।

एसीपी कैलाश चंदर के नेतृत्व और निरीक्षक सुनील कुमार कुंडू की टीम, जिसमें एएसआई सतेंद्र, एचसी मोहित, एचसी राजीव, एचसी विकास, एचसी प्रिंस, एचसी सुरजीत दहिया और कॉन्स्टेबल सिमरन सिद्धू शामिल थे, ने तकनीकी निगरानी और स्थानीय सूचना तंत्र की मदद से आरोपी को लोनोनी राउंडअबाउट से दबोच लिया। आरोपी की गिरफ्तारी सोमवार को धारा 35.1(डी) बीएनएसएस के तहत की गई।

कादिर ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह और उसके साथी खासतौर पर ऐसे एटीएम को निशाना बनाते थे जहां सुरक्षा नहीं होती थी। ये लोग अनजान या बुजुर्ग लोगों को चुनते थे, जिन्हें एटीएम चलाने का अनुभव कम होता था और धोखे से उनके डेबिट कार्ड को बदल देते थे।

5 मार्च 2017 को कादिर और उसके दो साथियों ने पीड़ित मोहन चंद गुप्ता का एटीएम कार्ड बदलकर उसके खाते से 84 हजार रुपए निकाल लिए थे। इस घटना के बाद भजनपुरा थाने में मामला दर्ज हुआ और कई बार दबिश दी गई, लेकिन वह गिरफ्तारी से बच निकला। अंततः 2019 में उसके खिलाफ प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर की चार्जशीट दाखिल की गई।

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, कादिर पहले से ही 21 आपराधिक मामलों में शामिल है, जिनमें ठगी, आर्म्स एक्ट और एनडीपीएस एक्ट से जुड़े केस शामिल हैं। ये मामले उत्तर प्रदेश और दिल्ली, दोनों जगह दर्ज हैं। फिलहाल आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा और आगे की जांच जारी है।

–आईएएनएस

पीएसके


Show More
Back to top button