नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने स्थानीय रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देते हुए मंगलवार को भारतीय सेना के टैंकों बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए 1,44,716 करोड़ रुपये के 10 खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 1,44,716 करोड़ रुपये की राशि के 10 खरीद प्रस्तावों को स्वीकृति (एओएन) प्रदान की।
मंत्रालय ने बताया कि कुल लागत का 99 प्रतिशत हिस्सा ‘खरीदें (भारतीय)’ और ‘खरीदें (भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन किये गये, विकसित और निर्मित)’ श्रेणियों के तहत स्वदेशी स्रोतों से है।
इस कदम से भविष्य के लिए तैयार लड़ाकू वाहनों (एफआरसीवी), एयर कंट्रोल फायर डिफेंस रडार, डोर्नियर-228 विमान, फास्ट पेट्रोलिंग नौकाओं और तट से दूर पेट्रोलिंग के लिए जहाजों की खरीद का रास्ता साफ हो गया है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एफआरसीवी भविष्य का एक मुख्य युद्धक टैंक होगा। इसमें बेहतर गतिशीलता, हर तरह के इलाकों में काम करने की क्षमता, बहुस्तरीय सुरक्षा, सटीक और घातक फायर और वास्तविक समय की स्थिति के बारे में जानकारी होगी।
सरकार ने एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है, जो हवाई लक्ष्यों का पता लगाएगा और उन्हें ट्रैक करेगा तथा फायरिंग समाधान प्रदान करेगा।
मंत्रालय ने कहा, “फॉरवर्ड रिपेयर टीम (ट्रैक्ड) के लिए भी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसमें मशीनीकृत ऑपरेशन के दौरान इन-सीटू मरम्मत करने के लिए उपयुक्त क्रॉस-कंट्री मोबिलिटी है।” यह उपकरण आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, और यह मशीनीकृत इन्फेंट्री बटालियन और आर्मर्ड रेजिमेंट दोनों के लिए अधिकृत है।
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तीन एओएन दिए गए हैं।
मंत्रालय ने बताया कि डोर्नियर-228 विमान, खराब मौसम की स्थिति में उच्च परिचालन विशेषताओं वाले अगली पीढ़ी के तेज गश्ती पोत, और उन्नत प्रौद्योगिकी तथा ज्यादा लंबी दूरी के संचालन के साथ अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती पोत के आईसीजी में शामिल होने से निगरानी, समुद्री क्षेत्र की गश्त, खोज और बचाव तथा आपदा राहत कार्यों को करने की बल की क्षमता बढ़ेगी।
रक्षा मंत्री ने आईसीजी के दिवंगत महानिदेशक राकेश पाल को भी सम्मानित किया, जो डीएसी के सदस्य भी थे। उनका 18 अगस्त को चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
–आईएएनएस
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