'मेगा टिंकरिंग डे' 2025 जमीनी स्तर पर इनोवेशन की शक्ति का एक मील का पत्थर प्रदर्शन : दीपक बागला


नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन के मिशन निदेशक दीपक बागला ने मंगलवार को कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, जहां इनोवेशन और युवा राष्ट्रीय परिवर्तन की प्रेरक शक्तियों में से एक हैं, मेगा टिंकरिंग डे 2025 जमीनी स्तर पर इनोवेशन की शक्ति का एक मील का पत्थर प्रदर्शन है।

नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) ने सामूहिक इनोवेशन के तहत भारत के अब तक के सबसे बड़े स्कूल-आधारित टिंकरिंग कार्यक्रम ‘मेगा टिंकरिंग डे’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 10,000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) के छात्र एक साथ आए।

नीति आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, देश भर के स्कूलों में वर्चुअल और एक साथ आयोजित इस कार्यक्रम में 9467 एटीएल सुसज्जित स्कूलों के 4,73,350 छात्रों ने भाग लिया। उन्होंने अपनी प्रयोगशालाओं में उपलब्ध रोजमर्रा की सामग्री का इस्तेमाल कर एक डीआईवाई वैक्यूम क्लीनर डिजाइन और निर्माण करने की एक व्यावहारिक परियोजना में भाग लिया। यह एक्टिविटी ऑनलाइन स्ट्रीम किए गए एक स्टेप-बाय-स्टेप इंट्रक्शनल सेशन द्वारा की गई।

भारत के सुदूर उत्तरी क्षेत्र जैसे लेह, लद्दाख और कारगिल, कश्मीर, विरुधुनगर जैसे आकांक्षी जिलों के सुदूर गांवों, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश जैसे पूर्वोत्तर क्षेत्रों, कन्याकुमारी जैसे दक्षिणी क्षेत्रों और भुज व कच्छ के सुदूर पश्चिमी क्षेत्रों के स्कूलों ने इसमें भाग लिया। एआईएम टीम भी इस कार्य में शामिल हुई और पूरे भारत के छात्रों के साथ मिलकर काम किया।

यह महत्वाकांक्षी पहल भारत के एजुकेशन और इनोवेशन परिदृश्य में एक प्रमुख मील का पत्थर है, जो जमीनी स्तर पर रचनात्मकता और सहयोगात्मक शिक्षा की शक्ति को प्रदर्शित करती है।

अटल इनोवेशन मिशन के निदेशक दीपक बागला ने कहा, “इस लाइव कार्यक्रम में, 10,000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स रचनात्मकता के एक घंटे में एक साथ आए, जिसमें देश भर के हजारों छात्र एक साथ निर्माण, सीख और नवाचार कर रहे थे। दुनिया के किसी भी अन्य देश ने अपने स्कूल इकोसिस्टम में इस पैमाने पर इनोवेशन को नहीं बढ़ाया है। यह भारत के लिए नेतृत्व करने का क्षण है कि कैसे यंग मांइड्स जब सशक्त होते हैं, न केवल हमारे देश के लिए, बल्कि दुनिया के लिए समाधान तैयार कर सकते हैं।”

अपनी स्थापना के बाद से एआईएम ने स्कूलों में 10,000 से ज़्यादा एटीएल स्थापित किए हैं, जो छात्रों को 3डी प्रिंटर, रोबोटिक्स किट, आईओटी डिवाइस आदि जैसे उपकरणों तक पहुंच प्रदान करते हैं।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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