ईवीएम को लेकर एलन मस्क व राजीव चंद्रशेखर के बीच एक्स पर बहस तेज (लीड-1)

ईवीएम को लेकर एलन मस्क व राजीव चंद्रशेखर के बीच एक्स पर बहस तेज (लीड-1)

नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को हैक किया जा सकता है या नहीं, इस विषय पर रविवार को टेक अरबपति एलन मस्क और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बसह और तेज हो गई।

जब चंद्रशेखर ने टेक अरबपति से कहा कि भारतीय ईवीएम कस्टम-डिजाइन किए गए हैं। ये सुरक्षित और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं, तो टेस्ला के सीईओ ने जवाब दिया, “कुछ भी हैक किया जा सकता है।”

पूर्व मंत्री ने कहा,”लैब स्तर की तकनीक और बहुत सारे संसाधनों के साथ, मैं जेट के ग्लास कॉकपिट आदि के फ्लाइट कंट्रोल सहित किसी भी डिजिटल हार्डवेयर/सिस्टम को हैक कर सकता हूं। लेकिन यह ईवीएम के सुरक्षित और विश्वसनीय होने और पेपर वोटिंग के बीच एक अलग तरह की बातचीत है और हम सहमत-असहमत हो सकते हैंं।”

इससे पहले दिन में चंद्रशेखर ने ईवीएम को मतदान से हटाने के मस्क के विचार को खारिज कर दिया था।

चंद्रशेखर ने टेक अरबपति से कहा,”इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक उसी तरह से बनाया जा सकता है, जैसा कि भारत ने किया है। हमें एक ट्यूटोरियल चलाने में खुशी होगी, एलन।” इसके पहले मस्क ने कहा था कि ईवीएम को खत्म कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि इसकेे मानव या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम है, हालांकि इसकी संभावना बहुत कम है, फिर भी बहुत अधिक है।”

पूर्व मंत्री ने जवाब दिया,”यह एक बहुत बड़ा व्यापक सामान्यीकरण बयान है, इसका अर्थ है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता, गलत है।”

चंद्रशेखर के अनुसार, मस्क का दृष्टिकोण अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है, जहां वे इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीन बनाने के लिए नियमित कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं।

मस्क ने प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, इसमें कथित तौर पर मतदान में अनियमितताएं देखी गई थीं।

चंद्रशेखर ने मस्क के बयान को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय ईवीएम कस्टम-डिजाइन किए गए, सुरक्षित और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं।

पूर्व मंत्री ने कहा,”कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ नहीं, वाईफाई नहीं, इंटरनेट नहीं, इसमें छेड़छाड़ का कोई रास्ता नहीं है। फैक्ट्री-प्रोग्राम्ड कंट्रोलर को दोबारा प्रोग्राम नहीं किया जा सकता।”

–आईएएनएस

सीबीटी/

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