नवरात्रि : सप्तमी पर काशी के कालरात्रि मंदिर में विशेष पूजा, मां के दर्शन को उमड़ी भीड़


वाराणसी, 28 सितंबर (आईएएनएस)। नवरात्रि के सातवें दिन रविवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के चौक क्षेत्र में स्थित माता कालरात्रि मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी। श्रद्धालु मां के दर्शन-पूजन कर अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति की कामना करते दिखे।

माता कालरात्रि की उपासना नवरात्रि के सातवें दिन विशेष मानी जाती है। नवरात्रि में सबसे विशेष दिन सप्तमी का होता है। मां कालरात्रि काजल के स्वरूप वाली हैं। उनके इस स्वरूप को बेहद ही दयालु कहा जाता है। मां नाना प्रकार के आयुध से विराजमान रहती हैं।

कालरात्रि मंदिर के महंत राजीव ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मान्यता है कि मां कालरात्रि के पूजन से अकाल मृत्यु का संकट दूर हो जाता है। शिव की नगरी काशी का यह अद्भुत और इकलौता मंदिर है, जहां भगवान शंकर से रुष्ट होकर माता पार्वती ने सैकड़ों वर्षों तक कठोर तपस्या की थी।”

उन्होंने कहा कि यह सिद्ध मंदिर अपनी दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है। विधि-विधान से पूजा करने से मां का आशीर्वाद मिलता है। मां को बेहद ही दयालु माना जाता है। यहां तो पूरे साल भीड़ देखने को मिलती है, लेकिन नवरात्रि की सप्तमी तिथि को भीड़ ज्यादा हो जाती है।

श्रद्धालुओं ने बताया कि सुबह से ही मंदिर में भीड़ लगी हुई है। जो भी भक्त एक बार मंदिर परिसर में पहुंचता है, उसका मन मां के ध्यान में स्वतः ही लीन हो जाता है। मां कालरात्रि का स्वरूप जितना विकराल प्रतीत होता है, उतना ही सौम्य और करुणामयी भी है।

श्रद्धालुओं ने कहा कि परंपरा के अनुसार, मां के चरणों में गुड़हल के पुष्प, लाल चुनरी, नारियल, फल, मिष्ठान, सिंदूर, रोली, इत्र और द्रव्य अर्पित करना विशेष रूप से फलदायी माना गया है। भक्त विश्वास रखते हैं कि माता अपने दरबार में आने वाले प्रत्येक साधक की मनोकामना पूरी करती हैं। मंदिर में सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। मंदिर के आसपास पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं।

–आईएएनएस

एसएके/एबीएम


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