हृदय रोगियों के लिए कोविड, फ्लू और निमोनिया की वैक्सीन जरूरी : एसीसी की नई गाइडलाइन


नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। हृदय रोग से पीड़ित वयस्कों को कोविड-19, इन्फ्लूएंजा (फ्लू), रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस (आरएसवी), निमोनिया और हर्पीज जोस्टर (शिंगल्स) जैसे रोगों के खिलाफ टीकाकरण करवाना जरूरी है। यह सिफारिश अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (एसीसी) ने अपनी नई गाइडलाइन में दी है।

इस दस्तावेज में प्रत्येक टीके के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य और मरीजों-डॉक्टरों के बीच बातचीत को आसान बनाने के लिए अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब भी शामिल हैं।

एसीसी की लेखन समिति के अध्यक्ष पॉल हाइडेनरइच ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। उनका कहना है कि दिल के मरीजों और बाकी रोगों से बचाव के लिए टीका लगवाना बहुत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, “हृदय रोगियों के लिए संक्रामक श्वसन रोगों और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन लोगों को यह समझाने में थोड़ी दिक्कत होती है कि कौन-सी वैक्सीन कितनी बार लेनी चाहिए और यह क्यों जरूरी है।”

उन्होंने आगे कहा, “इस गाइडलाइन का मकसद डॉक्टरों को प्रोत्साहित करना है कि वे मरीजों के साथ टीकाकरण पर खुलकर चर्चा करें और इसे नियमित उपचार और रोकथाम का हिस्सा बनाएं।”

बता दें, हृदय रोगियों को श्वसन वायरस से संक्रमण का खतरा अधिक होता है, जिससे अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है।

कई रिसर्च से पता चला है कि वैक्सीन इन खतरों को काफी हद तक कम करती है। हालांकि, हाल के एक अध्ययन से पता चला है कि केवल 30 प्रतिशत प्राथमिक देखभाल चिकित्सक अपने मरीजों की टीकाकरण स्थिति की जांच करते हैं।

सभी वयस्कों को हर साल फ्लू का टीका लगवाने की सलाह दी गई है, जो हृदय रोग, हृदय से संबंधित मृत्यु और अन्य कारणों से होने वाली मृत्यु को कम करता है, लेकिन 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए नाक से दी जाने वाली फ्लू वैक्सीन की सिफारिश नहीं की जाती।

19 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हृदय रोगियों के लिए निमोनिया का टीका जरूरी है, जो निमोनिया, बैक्टीरिया और मेनिन्जाइटिस से बचाता है।

एसीसी ने मौसमी कोविड वैक्सीन और 75 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए आरएसवी टीका लेने की सलाह दी है। वहीं, 50-74 वर्ष की आयु के हृदय रोगियों को भी आरएसवी टीका लगवाना चाहिए। यह टीका गंभीर श्वसन रोगों से बचाव करता है, जो अस्पताल में भर्ती और मृत्यु का कारण बन सकते हैं। वर्तमान दिशानिर्देशों में इसे सालाना के बजाए एक बार लेने की सलाह दी गई है।

इसके अलावा, 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को शिंगल्स का टीका लगवाने की सलाह दी गई है, जो स्ट्रोक और दिल के दौरे के जोखिम को कम करता है। यह गाइडलाइन मुख्य रूप से श्वसन टीकों पर केंद्रित है, लेकिन शिंगल्स जैसे अन्य टीकों के फायदों पर भी प्रकाश डालती है।

–आईएएनएस

एनएस/एएस


Show More
Back to top button