सामाजिक कार्यकर्ता डा. नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या के मामले में पुणे की एक विशेष अदालत शुक्रवार को अपना अंतिम फैसला सुना सकती है। करीब 11 साल बाद दाभोलकर के परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है।
विशेष लोक अभियोजक प्रकाश सूर्यवंशी ने कहा कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामलों की विशेष अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एए जाधव शुक्रवार को फैसला सुना सकते हैं।
सुबह की सैर पर निकले थे मार दी थी गोली
दरअसल, 68 साल के दाभोलकर 20 अगस्त 2013 की सुबह सैर पर गए थे। वह पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर सुबह की सैर पर निकले थे। तभी मोटरसाइकिल सवार दो लोग आकर रुके और उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।
दो लोगों को मोटरसाइकिल से भागते हुए देखा था
माना जाता है कि दोनों बदमाशों ने पिस्तौल निकाली और उनके सिर पर एक और तीन करीब से गोली मारी। इससे दाभोलकर की मौके पर ही मौत हो गई थी। पुल पर मौजूद नगर निगम के दो सफाईकर्मियों ने गोलीबारी के बाद दो लोगों को मोटरसाइकिल से भागते हुए देखा था।
औरंगाबाद भाग गए थे अपराधी
जांचकर्ताओं का कहना है कि हमलावरों ने मोटरसाइकिल एक तीसरे व्यक्ति को सौंप दी थी, जहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था। इसके बाद इन लोगों ने एक बस पकड़ी और औरंगाबाद भाग गए।